– परिचर्चा में विधायिका, कार्य पालिका, न्याय पालिका और मीडिया की भागीदारी ।
– प्रेस क्लब ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की भूमिका पर आयोजित की परिचर्चा ।
महासमुंद ।
- भारत की आजादी के पूर्व स्वतंत्रता आंदोलन के समय व्यापक जनजागरण और आजादी के बाद देश के नवनिर्माण के दौर में जनता और शासन के बीच सेतु के रूप में समाचार पत्रों ने जिस महती भूमिका का निर्वाह किया, उससे राष्ट्र के जनमानस ने पत्रकारिता को भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मान्यता दी है।
– समय के साथ व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में भी जिस प्रकार स्थापित मूल्यों में गिरावट आई उससे मीडिया भी अछूता नहीं रहा, आज पत्रकारिता के सामने कई चुनौतियां हैं, किन्तु लोकतंत्र का सजग प्रहरी के रूप में मीडिया की भूमिका आज भी अहम है और रहेगी ।
- भारतीय लोकतंत्र में चौथे स्तंभ की भूमिका विषय पर रविवार को सर्किट हाउस लभरा आयोजित हुई परिचर्चा में उक्ताशय का सार निकला ।
- परिचर्चा में लोकतंत्र के चारों स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और पत्रकारिता के प्रतिनिधि हस्ताक्षरों ने खुलकर अपनी बात कही ।
- महासमुंद सांसद चंदूलाल साहू ने कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ तो है ही बहुत शक्तिशाली भी है। किसी को उठा सकता है तो किसी को गिरा भी सकता है। अन्ना हजारे के आंदोलन से हजारों-लाखों लोग मीडिया के माध्यम से ही जुड़ते गए। आजादी के पहले भी और बाद में भी मीडिया की महती भूमिका रही है।
मीडिया जनता को जगाने का काम करती है
- सांसद ने कहा तत्कालीन स्वरूपों में सनातन काल से मीडिया की महती भूमिका रही है। आज लोकतंत्र के संवैधानिक स्तंभों में मूल्यों की जो गिरावट है, तब इस दौर में मीडिया का सजग प्रहरी के रूप में और अधिक विश्वसनीयता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी है।
फेक न्यूज पर चिंता
- सांसद ने कहा मीडिया को ही इसका मुकाबला करना है, क्योंकि विश्वनीयता ही अखबार के प्राण हैं । सांसद साहू ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की जागरूकता जरूरी है, मीडिया जनता को जगाने का काम तो करता ही है, शासन और जनता के बीच सेतु के रूप में कार्य करते हुए व्यापक और महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
सजगता और ईमानदारी से निभाएं जिम्मेदारी
- महासमुंद के पूर्व जिला एवं सत्र-न्यायाधीश और वर्तमान में विद्युत लोकपाल अनुराधा खरे ने कहा कि पत्रकारिता से जुड़े लोग अपनी महत्ता और भूमिका को स्वयं समझें। उनकी जरा सी गलती बड़ा अनर्थ कर देती है। हमारी सोच हो कि हम अपने स्तर पर सही काम करें। ईमानदारी और सजगता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएं। जिस प्रकार स्वच्छता पर देशव्यापी अभियान चल रहा है, और गांवों में भी लोगों में जागरूकता आई है, वह मीडिया की भूमिका का असर है।
मीडिया स्वतंत्र और निष्पक्ष
- महासमुंद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता अनिल शर्मा ने कहा कि समाज में लोगों को कोई पीड़ा होती है तो शासन-प्रशासन के पास जाते हैं, न्याय के लिए न्यायालय जाते हैं, किन्तु पिछले दिनों भारत ही नहीं वरन विश्व के इतिहास में उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीश अपनी बात कहने के लिए मीडिया से मुखातिब हुए। इससे स्पष्ट होता है कि मीडिया के धरातल पर ही तीनों स्तंभ खड़े हैं। मीडिया सदैव स्वतंत्र और निष्पक्ष रही है। लोकतंत्र के सभी स्तंभ संस्थाओं में मूल्यों की गिरावट के साथ मीडिया में भी विसंगतियां परिलक्षित होती हैं, जिनमें सुधार कर स्वतंत्र, निर्भीक और निष्पक्षता के मानदंडों पर खरे उतरते हुए भारतीय मीडिया पूरे विश्व में अपना नाम करेगी।
ब्रेकिंग के चक्कर फैक्ट चेक करना भूल जाते हैं
- कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता ने मीडिया के समक्ष उत्पन्न् नई चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि पत्रकारिता का व्यवसायीकरण, सोशल मीडिया, फेक न्यूज, पेड न्यूज जैसे विषयों पर भी परिचर्चा करने की आवश्यकता है। ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में फैक्ट चेक करना भूल जाते हैं। दूसरे प्रभावित पक्ष को भी सुन रहे हैं कि नहीं, यह भी देखने की आवश्यकता है। किसी भी मुद्दे पर खबर बने तो संबंधित पक्ष को वर्जन देने का पूरा अवसर मिलना चाहिए। लोकतंत्र के चारों स्तंभ की अपनी अलग-अलग भूमिका है। चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया व्यवस्था में कमी और विसंगतियों को बाहर लाए, किन्तु सकारात्मकता और नकारात्मकता में संतुलन भी रखे। कलेक्टर गुप्ता ने कहा कि महासमुंद में मीडिया की अच्छी भूमिका रही है। उन्होंने यह भी कहा कोई भी विषय हो ऐसा लगता है कि इसे शासन-प्रशासन के ध्यान में आना चाहिए तो जरूर लाए
अति उत्साह मीडिया का ट्रायल हो जाता है
- पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का सचेतक, सजग प्रहरी है, किन्तु कभी-कभी अति उत्साह में मीडिया ट्रायल भी हो जाता है, जिससे किसी की हानि हो सकती है। सोशल मीडिया के दौर में जहां हर आदमी पत्रकार के रोल में दिख रहा है, अखबारों की विश्वसनीयता सबसे अहम है। समाज के अनुसार ही संस्थाएं बनती हैं, मीडिया का काम समाज को आइना दिखाना
है तो खुद भी आइना देखते रहना होगा।
बाजार वाद से कोई अछूता नहीं
- परिचर्चा में मीडिया से प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ पत्रकार ईश्वर शर्मा ने कहा कि कुछ वर्षों में मूल्यों में गिरावट केवल समाचार जगत में नहीं, बल्कि सभी स्तंभों में आई है। ग्लोबलाइजेशन, बाजारवाद से कोई अछूता नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं कि सब भ्रष्ट हो गए हैं। आज भी जब किसी को न्याय नहीं मिलता जो समाचार पत्र ही उसकी आवाज बनता है। और कुछ वर्षों से प्रमुख विपक्ष की भूमिका भी समाचार जगत ही निभा रहा है।
सत्य चुभता है इसलिए मैनेजमेंट की बात :
– प्रेस क्लब के संरक्षक बाबूलाल साहू ने कहा कि बदलाव नित रो रहे हैं, उसके साथ बुराइयां भी आ रही हैं। सभी स्तंभ में गिरावट आ रही है। सत्य चुभता है, इसलिए अब पत्रकारिता मैनेजमेंट की बातें हो रही हैं।
प्रेस क्लब के नई कार्यकारिणी ने ली शपथ

इस मौके पर प्रेस क्लब की नई कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण हुआ। पूर्व अध्यक्ष श्रीराम कुमार तिवारी ने अध्यक्ष आनंदराम साहू, महासचिव रत्नेश सोनी, कोषाध्यक्ष विजय चौहान, उपाध्यक्ष दिनेश पाटकर, सहसचिव आशुतोष शर्मा, संगठन व प्रचार मंत्री संजय यादव, सांस्कृतिक सचिव प्रभात महंती और कार्यकारिणी सदस्यों में उत्तरा विदानी, ललित मानिकपुरी, विपिन दुबे और पोषण कन्न्ौजे को शपथ दिलाई। परिचर्चा के पूर्व स्वागत उद् बोधन में प्रेस क्लब अध्यक्ष आनंदराम साहू ने आयोजन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला । निवृत्तमान अध्यक्ष हेमंत राठौर ने प्रगति प्रतिवेदन का वाचन किया
– कार्यक्रम का संचालन उत्तरा विदानी और आभार प्रदर्शन महासचिव रत्नेश सोनी ने किया। इस मौके पर झलप के बुजुर्ग पत्रकार जमुना प्रसाद साहू का सांसद ने सम्मान किया
परिचर्चा के प्रतिभागी हस्ताक्षरों को स्मृति-चिन्ह प्रदान किया गया
– कार्यक्रम में कांग्रेस जिलाध्यक्ष आलोक चंद्राकर, भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह गोल्डी, राइस मिल एसोसिएशन अध्यक्ष पारस चोपड़ा, किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष दाऊलाल चंद्राकर, जनपद सदस्य योगेश्वर चंद्राकर, साहित्यकार अशोक शर्मा, शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष टेकराम सेन, बंधु राजेश्वर खरे, माधव टाकसाले, मनीषकांत साहू , शशि शर्मा क्लब संरक्षक सालिकराम कन्नोजे, भरत यादव, रवि विदानी, देवीचंद राठी, आशीष साहू, जसवंत पवार, अजय पांडेय, केपी साहू, ऐतराम साहू, प्रज्ञा चौहान सहित बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।
