नई दिल्लीः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित भाजपा के कई दिग्गज नेता स्मृति स्थल पर पहुंचे और अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें भारत रत्न से सम्मानित और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। जिसके बाद बीजेपी ने उनकी अस्थियों को देश की 100 नदियों में प्रवाहित किया था और इसकी शुरुआत हरिद्वार में गंगा में विसर्जन के साथ हुई थी।
बता दें दिल्ली में स्थित पूर्व प्रधानमंत्री के स्मृति स्थल ‘सदैव अटल’ पर अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा है, जिसके चलते अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य, पोती निहारिका समेत परिवार के अन्य सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री के स्मृति स्थल पहुंचे हैं, जहां भजन का कार्यक्रम भी चल रहा है. यहां उन्हें अभी तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित कई दिग्गज नेताओं द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है.
यहां पढ़ें : http://अरविंद केजरीवाल का शानदार तोहफा, अब बस में मुफ्त सफर करेंगी महिलाएं
अटल की देश के लिए वह पांच दिशा, जो हमेशा किया जाएगा याद
देश को एक सूत्र में जोड़ने की कोशिश
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में सड़कों के माध्यम से देश को एक सूत्र में बांधने का ऐतिहासिक कदम उठाया था, जिसका लाभ आज सबको मिल रहा है. उन्होंने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना लागू की. साथ ही ग्रामीण अंचलों के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना लागू की. उनके इस फ़ैसले ने देश के आर्थिक विकास को रफ़्तार दी.
संचार क्रांति
भारत में संचार क्रांति का जनक भले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को माना जाता है, लेकिन उसे आम लोगों तक पहुंचाने का काम अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ही किया था. 1999 में वाजपेयी ने बीएसएनएल के एकाधिकार को खत्म करते हुए नयी टेलिकॉम नीति लागू की. हालांकि इसके पीछे भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन का दिमाग बताया जाता है. लोगों को सस्ती दरों पर फोन कॉल्स करने का फायदा मिला और बाद में सस्ती मोबाइल फोन का दौर शुरू हुआ.
सर्व शिक्षा अभियान
6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का अभियान अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही शुरू किया गया. 2000-01 में उन्होंने ये अभियान चलाया. जिसके चलते बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गई. इस अभियान का असर आज भी देखने के लिए मिलता है. स्कूल छोड़ चूके बच्चों की फिर से स्कूल में वापसी हुई. शिक्षा दर भी बड़ी वृद्धि हुई.
पोखरण का परीक्षण
मई 1998 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था. ये 1974 के बाद भारत का पहला परमाणु परीक्षण था. अटल बिहारी वाजपेयी ने परीक्षण ये दिखाने के लिए किया था कि भारत परमाणु संपन्न देश है. हालांकि वाजेपयी के इस फैसले की घोर आलोचना हुई, लेकिन इस परीक्षण से भारत एक मजबूत और ताकतवर देश के रूप में दुनिया के सामने उभरा.
लाहौर बस सेवा की शुरुआत
प्रधानमंत्री के तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्तों को सुधारने की दिशा में तेजी से काम किया. उन्होंने फरवरी, 1999 में दिल्ली-लाहौर बस सेवा शुरू की थी. पहली बस सेवा से वे खुद लाहौर गए और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ के साथ मिलकर लाहौर दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए. ये कदम उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल में किया था.
Delhi: President Ram Nath Kovind & Prime Minister Narendra Modi pay tribute to former PM #AtalBihariVajpayee , on his first death anniversary at 'Sadaiv Atal' – the memorial of Atal Bihari Vajpayee. pic.twitter.com/2gSFy65idL
— ANI (@ANI) August 16, 2019
[wds id=”1″]