महासमुंद. जिस ब्रांड को छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने सरकारी शराब दुकान में बेचना बंद कर दिया है। अब वह ब्रांड बाजार में खुलेआम बिक रही है। इसका खुलासा महासमुंद पुलिस ने की है। बता दें कि शहर में लंबे समय से शराब की अवैध बिक्री के कारोबार में सलिप्त लोगों के गिरेबां में पुलिस ने हाथ डाली है। नगर पालिका में पार्षद पति के चखना सेंटर के पीछे वह शराब मिली है, जो पहले ठेकेदारी प्रथा में बेची जा रही थी।
पुलिस ने ऐसे की कार्रवाई
- शहर में शराब माफियाओं द्वारा लगातार शराब बेचने की शिकायत पर महासमुंद पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन तथा क्राइम ब्रांच के उपनिरीक्षक संजय राजपूत एवं टीम द्वारा बुधवार को नयापारा नम्बर दो शराब दुकान के पास बबलू हरपाल (जो पार्षद पति हैं) के चखना सेंटर के पीछे शराब एकत्रित कर रहा था, इसी बीच मुखबिर की सूचना मिलने पर घेराबंदी कर सूरज नायक पिता मोहन नायक (35) निवासी दलदली रोड महासमुंद को 1 पेटी 18 पौवा गोल्डन गोवा विस्की अंग्रेजी शराब, लगभग 12 लीटर 240ml कीमती लगभग 5440₹ एवं नगदी रकम 16,000 रुप, जप्त कर 34 (2)आबकारी एक्ट की कार्यवाही के लिए थाना कोतवाली को सुपुर्द किया गया है।
चखना सेंटर चलाने का धंधा भी जोरदार
- जरा सोचिए महासमुंद की जनता जिसे अपना जनप्रतिनिधि चुना है, उसका पति शराब दुकान में चखना सेंटर चला रहा है। बतादें चखना सेंटर से हर महीने लाखों की आमदनी होती है, यहां 1 रुपए के समान को 4 रुपए में बेचा जाता है। लेकिन इसके लिए कोई जवाबदेही नहीं हैं।
सवा साल बाद भी स्टॉक खत्म नहीं
- ठेकेदारी प्रथा बंद कर छत्तीसगढ़ सरकार ने खुद शराब बेच रही है। इसके बाद शराब की अवैध बिक्री पर लगाम लगी है। लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो पुराने शराब का डंप कर रखें हुए हैं। पुलिस लगातार इस तरह की कार्रवाई कर रही है। वर्तमान में हुई इस कार्रवाई को बड़ा खुलासा के रूप में देखा जा रहा है। बतादें कि शहर में अभी भी भारी मात्रा में पुराने शराब डंप है लेकिन पुलिस कार्रवाई से शराब से संलिप्त लोगो में हड़कंप है।
एसपी ने दिए कड़े कार्रवाई के निर्देश
- बुधवार को एसपी संतोष सिंह ने जिले के सभी पुलिस अफसरों की बैठक लेकर शराब की अवैध बिक्री सट्टा को लेकर कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने बैठक में कहा है कि शहर हो या गांव शराब की कही भी अवैध बिक्री नहीं होनी चाहिए।