रायपुर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के हड़ताल में रहने से भोजन के अधिकार का उल्लंघन होने के चलते कलेक्टर भीम सिंह ने 100 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त कार्यकर्ताओं में अंबागढ़ चौकी की 22 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राजनांदगांव ग्रामीण की 10, राजनांदगांव शहरी की 9, खैरागढ़ की 16, डोंगरगांव की 12, छुरिया की 8, छुईखदान की 23 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल है।

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को समझाइश देते हुए कहा था कि अगर नहीं मानेंगी तो संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा उनकी सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद 6 सूत्रीय मांग कर रहे कार्यकर्ता और साहयिका और भड़क गए और आंदोलन को और तेेज कर दिया था। बतादें कि प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर इस महीने की 5 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस परिपत्र के जवाब में आंदोलित कार्यकर्ताओं ने कहा अब पीछे नहीं की बात कही थी।
इसलिए लड़ रहे लड़ाई :
0 सम्मानजनक वेतन की मांग को लेकर प्रदेशभर के आंगनबाड़ी और कार्यकर्ता-सहायिकाएं हड़ताल पर हैं।
सरकार ने दिया था भरोसा
0 आंगनबाड़ी सहायिकाओं को राज्य सरकार की ओर से 500 रुपए के स्थान पर एक हजार रुपए देने का भरोसा।
0 शासन के निर्देशों में कहा गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका मानदेय आधारित पद है।
0 उनके लिए पेंशन जैसा कोई प्रावधान नहीं है।
0 उनकी सेवानिवृत्ति के समय एक निश्चित राशि दी जाएगी।
ऐसे जारी हुआ था राज्य शासन से पत्र
0 महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने यहां मंत्रालय से सभी जिला कलेक्टरों, विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारियों और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को परिपत्र भेजकर कहा है कि इन कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती और धात्री माताओं और छह वर्ष तक आयु के बच्चों के स्वास्थ्य की दृष्टि से तथा कुपोषण की रोकथाम के लिए सेवाएं दी जाती हैं। उनकी हड़ताल की वजह से इन हितग्राहियों को दी जाने वाली सेवाएं प्रभावित होंगी तथा बच्चों के भोजन के अधिकार का उल्लंघन होगा।