रायगढ़। जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। रायगढ़ जिले में आदतन बदमाश श्याम गोरख को जिला बदर करने का आदेश जारी किया गया, लेकिन बाद में पता चला कि जिस व्यक्ति को बाहर भेजने की तैयारी थी, उसकी मौत हो चुकी है। इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
जिला बदर का आदेश, फिर निकली चौंकाने वाली सच्चाई
11 सितंबर 2025 को कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने एसपी के प्रतिवेदन के आधार पर श्याम गोरख (आ. जगदीश गोरख, उम्र 27 वर्ष, निवासी सोनिया नगर, रायगढ़) को एक साल के लिए जिला बदर करने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक, उसे 24 घंटे के भीतर रायगढ़ सहित आसपास के जिले—सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती, बलौदा बाजार, महासमुंद, जांजगीर-चाम्पा, कोरबा एवं जशपुर—से बाहर जाना था।
लेकिन आदेश जारी होने के कुछ ही समय बाद मौखिक सूचना मिली कि श्याम गोरख की पहले ही मौत हो चुकी है।
फरारी पंचनामा के आधार पर हुई कार्रवाई
कलेक्टर न्यायालय ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 (क) एवं (ख) के तहत यह कार्रवाई 25 अगस्त 2025 को प्राप्त फरारी पंचनामा के आधार पर की गई थी। हालांकि, आदेश जारी होने के बाद जब उसकी मौत की सूचना मिली तो पुलिस को वेरीफिकेशन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके आधार पर आगे की कार्यवाही होगी।
विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
इस पूरे मामले ने प्रशासनिक कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि जब आरोपी की मौत हो चुकी थी तो पुलिस और जिला प्रशासन के पास इसकी जानकारी क्यों नहीं थी। अब जांच रिपोर्ट के बाद ही तय होगा कि यह गलती लापरवाही की वजह से हुई या सूचना छिपाई गई।
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