महासमुंद। शासकीय जमीन की हेराफेरी कर लाखों रुपए का मुआवजा निकालने वाले पटवारी करण चंद्राकर शुक्रवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है। न्यायालय ने न्यायायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेजा है। पटवारी करण के खिलाफ पिथौरा पुलिस ने शासकीय कागजात में छेड़छाड़ करने फरारी में चालान पेश किया था। जिस पर न्यायालय ने उसके विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ था। उक्त पटवारी लंबे से फरार था।
0 आरंग सराईपाली हाइवे चौड़ीकरण में शासन द्वारा किसानों के भूमि का अर्जन कर उसका मुआवजा राशि दिया गया है।
यह था मामला
लहरौद के शासकीय भूमि को हेराफेरी कर खेमिनबाई के नाम से साल 2011 में रिकार्ड दुरूस्त कर दिया था। खेमिनबाई के नाम से भू-अर्जन की गई। खेमिनबाई के नाम से 8 लाख रूपए का मुआवजा राशि स्वीकृत कर दी गई। राशि को कुछ लोगों ने गडबडझाला करते हुए खुद डकार लिए थे। मामले को लेकर खेमिनबाई ने शिकायत की थी जिस पर एसडीएम पिथौरा व एसडीओपी ने जांच कर पटवारी करण चंद्राकर सहित अन्य लोगों को दोषी पाया था। इसके पहले तत्कालीन पटवारी बेंजामिक सिक्का की भी गिरफ्तारी हुई थी।
0 पिथौरा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि के तहत अपराध दर्ज किया था।
0 पुलिस ने गिरफ्तार किया और न्यायालय के द्वारा उसे जेल भेज दिया गया।