Sharad Purnima 2025: हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी के साथ अमृत वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि चंद्रमा इस दिन अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है।
Sharad Purnima 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 6 अक्टूबर 2025, सुबह 11:24
आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि का समापन: 7 अक्टूबर 2025, सुबह 9:35
शरद पूर्णिमा तिथि: 6 अक्टूबर 2025, सोमवार
भद्रा और पंचक का साया
इस साल शरद पूर्णिमा के दिन भद्रा और पंचक भी लग रहे हैं।
भद्रा: 6 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:23 से रात 10:53 तक
पंचक: 3 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक

खीर रखने का महत्व
Sharad Purnima 2025 : मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। चंद्रमा का संबंध दूध से माना जाता है, इसलिए दूध से बनी वस्तुओं को चंद्रमा की रोशनी में रखने से वे अमृत तुल्य हो जाती हैं।
विशेष रूप से खीर को इस दिन चंद्रमा की रोशनी में रखने से उसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मां लक्ष्मी को दूध की खीर बहुत प्रिय होती है, इसलिए इस दिन खीर का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
शनि और गुरु का नक्षत्र परिवर्तन
शनि और बृहस्पति इस समय पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। यह नक्षत्र परिवर्तन कई राशियों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। कुछ जातकों को तरक्की और नए अवसर मिल सकते हैं, जबकि कुछ को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
Sharad Purnima की पूजा और जागरण
इस दिन स्नान, दान और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। रात को खुले आसमान के नीचे जागरण किया जाता है और खीर रखी जाती है। यह दिन धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।
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