15 जनवरी को मकर संक्रांति (makar sankranti) के बाद भगवान सूर्य धनु राशि से बाहर निकल जाएंगे और इसके साथ ही एक महीने तक चला खरमास समाप्त हो जाएगा. सनातन धर्म में यह मान्यता है कि खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इसलिए खरमास के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है. दिसंबर महीने की 16 तारीख को भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर गए थे और ठीक 1 महीने बाद 15 जनवरी को वह धनु राशि से बाहर निकल जाएंगे, ऐसे में खरमास के बाद विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
मार्च महीने तक संपन्न होंगे वैवाहिक कार्यक्रम
खरमास समाप्त होने के बाद से कई शुभ वैवाहिक (happy marriage) मुहूर्त बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि जनवरी के महीने में विवाह के 10 शुभ मुहूर्त है. जबकि फरवरी के महीने में सबसे अधिक विवाह के 15 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इसके बाद मार्च महीने में भी विवाह के पांच शुभ मुहूर्त है. पंडित मनोहर आचार्य ने बताया कि 13 मार्च को भगवान सूर्य फिर से राशि परिवर्तन करेंगे और अगले एक महीने के लिए खरमास शुरू हो जाएगा, इसके बाद के वैवाहिक कार्यक्रम 18 अप्रैल से ही शुरू हो सकेंगे. 13 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास होने के कारण पुनः वैवाहिक कार्य नहीं होंगे.
जानें कब-कब है विवाह के शुभ मुहूर्त
खरमास समाप्त होने के बाद जनवरी महीने में 16, 17, 18, 20, 21, 22, 27, 28, 30 और 31 जनवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. फरवरी महीने में 1, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 12, 13, 18, 19, 24, 25, 26 और 27 फरवरी को मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं और इस दिन विवाह का शुभ मुहूर्त बन रहा है.
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