बच्चों के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए महासमुंद जिले की पुलिस बेहद गंभीर है। बाल अपराधों को रोकने के लिए पुलिस पिछले तीन साल से यूनीसेफ की मदद से कई कार्यशालाएं आयोजित कर चुकी है। इसी का परिणाम है कि महासमुंद जिले को बाल मित्र की पहचान मिली है।
इसी क्रम में गुरुवार को महासमुंद में पुलिस चाइल्ड फ्रेंडली की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रखा गया है।
कार्यशाला का हुआ शुभारंभ 
17 मई को सर्किट हाउस में कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के द्वारा कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में स्टेक होल्डर्स के रूप में यूनिसेफ से गार्गी साहा, नेतराम डड़सेना, , निरंजना शर्मा, सुनीता देवांगन, देवनारायण सिन्हा, वाणी तिवारी, सदस्य जे जे बोर्ड , टी दुर्गा ज्योति राव सखी सेंटर महासमुन्द प्रमुख रूप से सम्मिलित हुए।
वर्कशाप में हुआ व्याख्यान
इसके अलावा महासमुंद जिले के उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक तथा प्रधान आरक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को राजमंगल प्रसाद, बाल सुरक्षा विशेषज्ञ नई दिल्ली, योगेश कुमार, प्रबंधक एसोसिएशन फ़ॉर डेवलपमेंट, नई दिल्ली, अम्बा सेठी बाल सायकोलॉजिस्ट रायपुर के द्वारा व्याख्यान दिया गया।