महासमुंद. कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के आदेशानुसार 19 जून 2018 की रात्रि में थाना महासमुंद के पास हुए घटनाक्रम के संबंध में डिप्टी कलेक्टर एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी दीनदयाल मंडावी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच अधिकारी दीनदयाल मंडावी शनिवार 23 जून से जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
यहां पढ़े: http://विधायक एवं उनके समर्थकों पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक चलाई लाठी
घटना की साक्ष्य कर सकते हैं प्रस्तुत
डिप्टी कलेक्टर एवं कार्यपालिक मजिस्ट्रेट अधिकारी मंडावी के न्यायालय में तीन साक्ष्य का शपथपूर्वक कथन अभिलिखित कराया गया है।
यहां पढ़े: http://विधायक ने कहा जब भी किसी के साथ अन्याय होता पूरी इमानदारी के साथ लड़ते हैं
इसके अतिरिक्त आम जनता की ओर से कोई आवेदन/शिकायत नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि अगले कार्य दिवस में साक्ष्य कथन निरंतर जारी रहेगा। इसके साथ ही जिसके पास घटना से संबंधित साक्ष्य/तथ्य हो वह न्यायहित में न्यायालय में प्रस्तुत कर सकते है।
http://लाठी चार्ज पर पुलिस ने क्या कहा और सुप्रीम कोर्ट का निर्देश क्या कहता है
जानिए घटना क्रम एक नजर में
- 19 जून की आधी रात गहमा गहमी के बीच पुलिस ने विधायक एवं उनके समर्थकों पर जमकर लाठियां बरसाई।
- 20 जून को घटना की निंदा करते हुए महासमुंद शहर बंद का आव्हान किया गया।
- 21 जून को जिले सहित प्रदेशभर में पुलिस कार्रवाई को लेकर निंदा की गई।
- 22 जून को प्रदेश मंत्री अजय चंद्राकर विधायक डा. विमल चोपड़ा से मिलने पहुंचे।
- 22 जून को ही मंत्री के निकलने के बाद पुलिस के आला अफसर द्वारा मीडिया को दिए गए बयान को लेकर
- 23 जून को विधायक विमल चोपड़ा ने अपने निवास स्थान पर प्रेस वार्ता कर पुलिस विभाग को चुनौती दी।
- विधायक ने कहा जब घटना की जांच टीम गठित हो चुकी है तो पुलिस के आला अफसर द्वारा एक पक्ष को गलती बताना आश्चर्य जनक है।