महासमुंद। प्रदेश एवं महासमुंद जिले के विभिन्न समस्याओं को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे। कलेक्टोरेट गेट के सामने पुलिस के साथ झूमाझटकी भी हुई। जिलेभर से जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंचे थे।
14 सूत्रीय मांग कलेक्टर को सौंपे जाने के बाद वापस लौटने के समय कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
हालांकि, अभी विधानसभा चुनाव का तारीख तय नहीं हुआ, लेकिन तैयारी में पार्टी जुटी।
मांग पूरा हो न हो, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने यह साबित कर दिया कि पार्टी एकजुट नहीं है।
इन मांगों को लेकर किए थे घेराव
- छग के किसानों को कृषि आधारित ऋण बीमा का लाभ दिया जाए।
- तुमगांव-सिरपुर क्षेत्र में जंगली हाथी के आतंक से बचाया जाए।
- बारनवापारा जंगल में स्थापित किए गए गांवों को पूर्ण राजस्व का दर्जा दिया जाए।
- किसानों को ऋण लेते समय आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
- भाजपा सरकार द्वारा घोषणा पत्र में किसानों को 21 सौ रुपए समर्थन तथा 300 रुपए बोनस 5 वर्ष का दिया जाए।
- अजीत जोगी द्वारा अपने शासन में दिए गए भू अधिकार पट्टे को कानूनी मान्यता दिया जाए।
- शासन द्वारा निर्माण कराए गए शौचालय का निर्माण का राशि तत्काल दिया जाए।
- महासमुंद जिले को अकाल घोषित किया जाए तथा प्रत्येक किसानों को फसल बीमा की राशि दिया जाए।
- मनरेगा के तहत भुगतान किया जाए।
- शौचालयों की जांच की मांग
- पेयजल की समस्या को देखते हुए नलकूप खनन की मांग
- रसोई गैस एवं डीजल की बढ़ते कीमतों को कम किया जाए।
- पूर्व की तरह केरोसिन का वितरण किया जाए।
दिखा अंतकर्लह
- कलेक्टोरेट घेरने के बाद वापसी के समय दो पक्षों में जमकर लड़ाई हो गई।
- प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पार्टी के दाे कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई कर दी गई।
- पार्टी कार्यकर्ताओं में एक दूसरे की लड़ाई देख ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचे कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति रही।
- घटना को लेकर नगर में तरह-तरह की चर्चा भी होती रही।
- वहीं अन्य पार्टी के लोगों ने इस पार्टी को एकरूपता नहीं होने की बात कही।
मौजूद रहे कार्यकर्ता
शेख छोटे मिया, हीरा बंजारे, सुनील शर्मा, भागीरथी चंद्राकर, गौरव जानी चंद्राकर, हीरामन गायकवाड, धीरज सरफराज, संतोष ध्रुव सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे थे।