महासमुंद। शहर में बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। यहां अफसरों का जरा भी निगरानी नहीं है। बिजली कब बंद हो जाएगी इसकी कोई गांरटी नहीं है। अभी बारिश पूर्व मेंटनेस के चलते शहर में बिजली आपूर्ति बार-बार ठप की जा रही है।
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बिजली बंद की जानकारी लेने पर विभाग के पूछताछ केंद्र में तैनात कर्मचारी का कहना है कि जिस फोन में आपने कंपलेन दर्ज किया है उस फोन में आउट गोविंग सुविधा नहीं है। इसलिए अपने उच्च अफसरों को भी इसकी जानकारी नहीं दे सकते। जो कर्मचारी फील्ड में तैनात हैं उनका नंबर ले लो उन्हीं से बात कर लो। इसके बाद जब उपभोक्ता पूछताछ केंद्र द्वारा दिए गए नंबर पर डायल करते हैं, तो उनका जवाब ही नहीं मिलता।
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ये कैसी व्यवस्था
- बतादें कि मानसून आने वाला है, बिजली विभाग भी मेंटनेंस में महीनों से जुटे हैं।
- इसके बाद भी जिला मुख्यालय में बार-बार बिजली बंद होना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है।
- स्थिति यह है कि विभाग के अफसर उपभोक्ता के फोन नहीं उठाते।
- लगातार लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
- दूसरी ओर शहर में समस्या सुनने के लिए दफ्तर तो है लेकिन शाम होते ही ग्रामीण क्षेत्रों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है।
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- उपभोक्ताओं की शिकायत के लिए जिस फोन नंबर को दिया गया है,
- उसमें बैठे कर्मचारी शिकायत सुनने के कार्यस्थल पर तैनात कर्मचारियों का नंबर थमा देता है।
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इधर लोगों का कहना है कि बिजली विभाग में शिकायत नंबर पर कोई कार्रवाई नहीं होती, सिर्फ रटा-रटाया जवाब मिलता है।
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उल्लेखनीय है कि शहर में करीब 70 हजार लोग रहते हैं। लेकिन बिजली विभाग के पास सिर्फ एक ही पेट्रोलिंग टीम है जिसमें दो लोग हैं।
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व्हीआईपी क्षेत्र में भी घंटों कटौती
सोमवार को कलेक्टोरेट रोड क्षेत्र में करीब दो घंटे बगैर सूचना बिजली आपूर्ति ठप रही, इससे लोग हलाकान होते रहे।