छत्तीसगढ़।महासमुंद. हाथियों को जंगल क्षेत्र से खदेड़ने सरकार लाखों रुपए पानी की तरह बहा दी है। लेकिन खदेड़ने में सफलता नहीं मिली। बीते साल सराईपाली (ओडीएफ) जिला घोषित करने पहुंचे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से हाथी को खदेड़ने के संबंध में सिरपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने चर्चा किया था, तो सीएम ने ग्रामीणों से कहा था हाथी गणेश भगवान का अवतार है, पूजा करों वह स्वयं हट जाएगा। सीएम के इस तरह के जवाब पाने के बाद ग्रामीण काफी आहत हुए थे। अब तो हद हो गई हाथी भगाने सरकार के मंत्री खुद अनुष्ठान और पूजा पाठ करने पहुंच रहे हैं।
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पढ़िए भैयालाल रजवाड़े ने हाथी भगाने कैसे किया अनुष्ठान
- पूजा चाहे बैठकर हो या खड़े होकर या फिर सुविधा-अनुसार पूजा की पद्धति है।
- लेकिन जिस तरह छत्तीसगढ़ के श्रम और खेल मंत्री भैयालाल रजवाड़े को मीडिया ने कुर्सी में बिठाकर पूजा करते हुए दिखाया
- और उन्हें लाट साहब की उपाधि दी है वह चर्चा का विषय है।
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- दरअसल, मंत्रीजी ग्रामीणों को हाथी के उत्पात से निजात दिलाने पूजा-पाठ कर रहे हैं।
- कोरिया जिले के चिरमिरी वन मंडल के एक कार्यक्रम का है।
- जिसमें वे कोरिया जिले में हाथियों के आतंक को रोकने के लिए गणेशजी की पूजा अर्चना कर रहे हैं।
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- चिरमिरी वन क्षेत्र में हाथियों का आतंक है।
- हाथियों के हमला से कई ग्रामीणों के घर को तोड़ कर नुकसान पहुंचाया है।
- मंत्री के आने के एक दिन पहले हाथियों के एक हमले में 6 से ज्यादा ग्रामीण घायल हुए थे।
- इसमें से एक बुजुर्ग की मौत भी हुई थी।
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- मंत्री सूचना पर वहां हालात का जायजा लेने चिरमिरी पहुंचे थे।
- मंत्री आए थे इसलिए वन विभाग के अफसरों ने शुभ कार्य के लिए उन्हें आमंत्रित कर लिया।
- पूजा पाठ और अनुष्ठान का तत्काल व्यवस्था की गई। पंडित भी आ गए।
पूजा-पाठ से जब खदेड़ा जा सकता है, तो लाखों खर्च करने की जरूरत क्यो?
सिरपुर क्षेत्र के हाथी भगाओं संयोजक राधेलाल सिन्हा ने कहा ऐसा नहीं कि गांव में गणेश भगवान की पूजा नहीं, यहां के हर घरों में सालों पूजा-पाठ की परंपरा है। लेकिन जिस तरह प्रदेश के जिम्मेदार द्वारा हाथी भगाने के लिए गणेश भगवान की पूजा करने की बात कही है, वह ग्रामीणों को ठेस पहुंचाने वाली बात थी। अब तो सरकार के जिम्मेदारी मंत्री ही हाथी को खदेड़ने पूजा-पाठ पर उतर आए हैं। का्श? ऐसा होता तो लाखों-करोंड़ों रुपए बेकार में खर्च करने की जरूरत ही क्यो पड़ती?