रायपुर। प्रदेश में जाति की छानबीन के लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति को आदिवासी नहीं माना है। बतादें कि अजीत जोगी ने जो दस्तावेज पेश किए थे, उसे छानबीन समिति ने अमान्य कर दिया गया है। 20 अगस्त को अजीत जोगी छानबीन समिति के समक्ष पेश हुए थे और अपना पक्ष रखा था। उसके बाद छानबीन समिति ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में भी अजीत जोगी की जाति को लेकर छानबीन समिति बनी थी। आईएएस रीना बाबा साहब कंगाले के संयोजन में बनी कमेटी को तब पूर्व मुख्यमत्री अजीत जोगी ने ये कहकर चुनौती हाईकोर्ट में दी थी कि रीना बाबा कंगाले की कमेटी कोरम नहीं पूरा करती। रिपोर्ट में कई जगहों पर रीना बाबा ने खुद ही हस्ताक्षर किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में दोबारा से छानबीन समिति बनाने का निर्देश दिया था। भूपेश सरकार ने इस मामले में डीडी सिंह की अधय्क्षता में छानबीन समिति बनाई थी, जिसने यह फैसला लिया है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं है।
अमित जोगी ने कहा सर्वोच्च न्यायालय में देंगे चुनौती : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि छानबीन समिति ने कोरे काग़ज़ों में अपने दस्तखत करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंप दिए थे। सुनवाई केवल नौटंकी थी। सभी क़ानूनी प्रक्रियाओं, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और माननीय न्यायालयों के दृष्टान्तों के विपरीत इस बेतुके फ़ैसले को हम उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय दोनों में चुनौती देंगे। हमें पूरा विश्वास है कि हमारे साथ अन्याय नहीं होगा।
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