लापरवाही से बच्चे की स्थिति गंभीर, अब स्थिति ज्यादा गंभीर हुई तो बच्चे को रेफर कर दिए हैं। वाह! अस्पताल प्रबंधन पहले तो जननी सुरक्षा के साथ मजाक अब परिजनों को बीच मझधार में छोड़कर उनके साथ किया जा रहा मजाक
महासमुंद। ग्राम भुरका के सावित्री पति राधेश्याम साहू को सौ बिस्तर अस्पताल सुरक्षित डिलवरी करवाने में फेल साबित हुआ है। यहीं वजह है कि बच्चे की स्थिति गंभीर है। जबकि शासन जच्चा-बच्चा सुरक्षित रहे इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। बतादें कि भुरका के इस परिवार ने सुरक्षित प्रसव करवाने के लिए जिले के सबसे बड़े सौ बिस्तर अस्पताल में एडमिट किया। लेकिन इस परिवार को नहीं मालूम था कि यहां तो डाक्टर ही नहीं मिलते। नर्स के भरोसे कई घंटे तक प्रसुता को छोड़ दिया गया।
प्रबंधन की गंभीर लापरवाही
- प्रसुता तड़फ रही है, बच्चे फंस चुका है इस घटना की जानकारी गुरुवार की सुबह 9 बजे व्हाट्सएप में वायरल हो गई थी।
- यहां तक यह मैसेज जिले के सभी जिम्मेदार अफसरों सहित अस्पताल प्रबंधन तक पहुंच चुका था।
- लेकिन लापरवाही ऐसी कि एक घंटे बाद वहां डाक्टर पहुंचे।
- इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि एक घंटे के दौरान जच्चा-बच्चा के साथ क्या बीता होगा।
अतत: बच्चें को किया रेफर
यहां पर पढ़िए http://लापरवाही सरकारी अस्पताल में तड़फती रही प्रसुता
- घंटों तक बच्चे के फंसे होने के कारण सांस में तकलीफ बढ़ गई। गंभीर स्थिति में आइसीयू में रखा गया।
- अंतत: जब बच्चे की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया तो गुरुवार शाम साढे पांच बजे करीब रायपुर के लिए रेफर किया गया है।