रायपुर। राजधानी रायपुर में महिला थाना के बाहर खुद को आग लगाने वाली महिला वर्षा गोस्वामी की इलाज के दौरान मौत हो गई। चार दिन तक ज़िंदगी और मौत से जूझने के बाद शनिवार को उसने अंतिम सांस ली। इस दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है और पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
घटना का पूरा मामला
10 सितंबर को वर्षा गोस्वामी महिला थाना के बाहर पहुंची थी। बताया जाता है कि काउंसलिंग के लिए आने के बाद वह थाने के बाहर बैठी हुई थी। दोपहर लगभग 12 बजे, अचानक उसने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली और चीखते हुए थाने के अंदर घुस गई।
थाने में मौजूद पुलिसकर्मी तत्काल उसकी ओर दौड़े और पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। इसके बाद गंभीर रूप से झुलसी वर्षा को तुरंत डीकेएस अस्पताल ले जाया गया, जहां वह लगभग 70% तक झुलस गई थी। हालत नाज़ुक बनी रही और अंततः 14 सितंबर को उसने दम तोड़ दिया।
मृतका की बहन ने लगाए गंभीर आरोप
वर्षा की बहन ने मीडिया को बताया कि वर्षा ने साल 2020 में शिवम गोस्वामी से लव मैरिज की थी। शादी के बाद से ही वर्षा का जीवन नरक बन गया था।
शिवम जुआ और सट्टा खेलता था।
घर लौटकर वर्षा से मारपीट करता और उसे जान से मारने की धमकी देता।
कई बार उसे आधी रात को घर से बाहर निकाल देता।
वर्षा की बहन और भाई को चाकू मारने की धमकी भी देता था।
बहन के अनुसार, साल 2020 में शिवम ने वर्षा का सिर फोड़ दिया था और इस संबंध में पुरानी बस्ती थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। शिकायतों के बावजूद बार-बार आश्वासन ही मिलता रहा।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
वर्षा ने कई बार महिला आयोग और पुलिस में गुहार लगाई, लेकिन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया। इसी मायूसी में उसने यह खौफनाक कदम उठाया।
अब वर्षा की मौत के बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों बार-बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई? अगर समय रहते उचित कदम उठाए जाते, तो शायद वर्षा की जान बच सकती थी।
जांच जारी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि मृतका की शिकायतों और पूरे घटनाक्रम की समीक्षा की जा रही है। हालांकि, महिला की मौत के बाद पुलिस पर गंभीर सवालिया निशान लग गए हैं और प्रशासनिक लापरवाही की चर्चा हर जगह हो रही है।