बिना चालाक इस विमान ने छुआ आसमान, DRDO की बड़ी सफलता
भविष्य के मानव रहित विमान विकसित करने की दिशा में DRDO को एक बड़ी सफलता मिली है. शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान को सफलता-पूर्वक अंजाम दिया गया.

बेंगलुरु। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को अत्याधुनिक मानव रहित विमान के विकास में एक बड़ी सफलता मिली है. DRDO ने ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. बिना पायलट (चालाक) के उड़ने वाले इस विमान ने इस दौरान उड़ने से लेकर उतरने तक का सारा काम खुद अंजाम दिया. डीआरडीओ ने अपने बयान में बताया कि यह अभ्यास शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में किया गया.
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समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, DRDO ने बयान में कहा कि एयरक्राफ्ट की उड़ान काफी अच्छी रही. यह उड़ान पूरी तरह से स्वचालित थी. इस दौरान टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और आसानी से टचडाउन शामिल है. यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण तकनीक को हासिल करने के मामले में एक मील का पत्थर साबित होगी. यह इस तरह की सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
#WATCH | In a major success towards developing unmanned combat aircraft, the maiden flight of the Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator was carried out successfully from the Aeronautical Test Range, Chitradurga, Karnataka today: DRDO officials pic.twitter.com/9PjX2dBkIr
— ANI (@ANI) July 1, 2022
In a major success towards developing unmanned combat aircraft, the maiden flight of the Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator was carried out successfully from the Aeronautical Test Range, Chitradurga, Karnataka today: DRDO officials pic.twitter.com/JVW3WUzBn7
— ANI (@ANI) July 1, 2022
DRDO अधिकारियों के मुताबिक, इस यूएवी का डिजाइन डीआरडीओ के तहत बेंगलुरु में एक प्रमुख रिसर्च लैब वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) ने तैयार किया है. इसका विकास भी एडीई की तरफ से किया गया है. ये एक छोटा मानव रहित विमान है. इसमें टर्बोफैन इंजन लगा है. इसमें लगे एयरफ्रेम और यहां तक कि निचला ढांचा, पहिए, फ्लाइट कंट्रोल और वैमानिकी सिस्टम भारत में ही तैयार किए गए हैं.
रक्षामंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई
DRDO की इस कामयाबी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके बधाई दी है. उन्होंने कहा कि चित्रदुर्ग एटीआर की तरफ से ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली सफल उड़ान पर बधाई. ऑटोनोमस विमान तैयार करने की दिशा में ये एक बड़ी उपलब्धि है. इससे महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियों के निर्माण के मामले में आत्मनिर्भर भारत अभियान का मार्ग प्रशस्त होगा.