Deepawali Festival Calendar 2025: अब कुछ ही दिनों में दीपावली महापर्व की शुरुआत होने वाली है। दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज पर होता है। पारंपरिक रूप से इसे पंचदिवसीय दीपोत्सव कहा जाता है, लेकिन इस बार खास बात यह है कि दीपावली महापर्व 6 दिनों तक चलने वाला है। आइए जानते हैं, धनतेरस से भाई दूज तक कब मनाए जाएंगे सभी पर्व —
🌟 1. धनतेरस 2025 – 18 अक्टूबर (शनिवार)
दीपावली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
इस दिन भगवान धन्वंतरि (आयुर्वेद के देवता) और कुबेर देव की पूजा की जाती है। समुद्र मंथन से धन्वंतरि जी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए यह दिन आरोग्य और धन की स्थिरता का प्रतीक माना गया है।
👉 इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, नए सामान की खरीदारी शुभ मानी जाती है।
🌕 2. छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी 2025 – 19 अक्टूबर (रविवार)
दीपावली का दूसरा दिन छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को पड़ता है।
इस दिन भगवान कृष्ण और यमराज की पूजा की जाती है और दक्षिण दिशा में यम के नाम का दीपक जलाया जाता है।
कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन नरकासुर का वध किया था, इसलिए इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है।
🪔 3. दीपावली / गणेश-लक्ष्मी पूजन 2025 – 20 अक्टूबर (सोमवार)
दीपावली महापर्व का मुख्य दिन होता है गणेश-लक्ष्मी पूजन। यह पर्व कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।
इस दिन लोग अंधकार पर प्रकाश के विजय का प्रतीक दीपक जलाते हैं और घर-परिवार सहित भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा करते हैं।
अमावस्या की रात ज्ञान के प्रकाश से अंधकार को मिटाने का संदेश देती है।
🌄 4. गोवर्धन पूजन / अन्नकूट 2025 – 22 अक्टूबर (बुधवार)
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजन या अन्नकूट मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है।
इस दिन गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई जाती है और पूजा की जाती है।
कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर देवराज इंद्र के अभिमान को तोड़ा और ब्रजवासियों की रक्षा की थी।
🤝 5. भाई दूज 2025 – 23 अक्टूबर (गुरुवार)
दीपावली महापर्व का अंतिम पर्व भाई दूज होता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।
यह कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
इस दिन बहनें भाइयों के माथे पर तिलक कर उनके दीर्घायु की कामना करती हैं, और भाई उपहार स्वरूप वस्त्र, मिठाई या धन देते हैं।
🌸 6. चित्रगुप्त पूजा / यम द्वितीया (कुछ क्षेत्रों में) – 24 अक्टूबर (शुक्रवार)
कुछ क्षेत्रों में दीपावली महापर्व का छठा दिन चित्रगुप्त पूजा और यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन लेखाकार देवता चित्रगुप्त की पूजा की जाती है, जो कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। व्यापारी वर्ग इस दिन नई बहीखातों की पूजा (खाताबही पूजन) करता है।
✨ निष्कर्ष:
दीपावली सिर्फ एक दिन का नहीं, बल्कि आस्था, प्रकाश, धन, स्वास्थ्य और प्रेम का छह दिवसीय महोत्सव है।
धनतेरस से लेकर भाई दूज तक यह पर्व हर घर में खुशियां और समृद्धि लेकर आता है।
🖋️ एडिटर – दिलीप शर्मा, छत्तीसगढ़
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