रायपुर। छत्तीसगढ़ में बस एसोसिएशन के हड़ताल पर जाने की घोषणा के बाद अब ट्रांसपोर्ट व्यवसायी भी मोर्चा खोल दिए हैं। बतादें कि यात्री किराया में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर कल 25 जून से बस एसोसिएशन ने हड़ताल की घोषण की है। अगर हड़ताल जारी रहा तो प्रदेश में चल रहे 8 हजार बसों के पहिए थम जाएंगे। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इधर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आव्हान पर देशभर में ट्रांसपोर्टर ने 20 जुलाई से अनिश्चतकालीन चक्का जाम करने का फैसला किया है।
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यात्री किराया बढ़ाने की मांग
- प्रदेश में करीब 8000 बसों के पहिए 25 जून से थम जाएंगे।
- इसमें छोटी और बड़ी दोनों बसें शामिल हैं।
- पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के बाद यात्री किराया में बढ़ोतरी की मांग को ये हड़ताल की जा रही है।
- निजी बस ऑपरेटर यात्री किराए में 40 फीसदी बढ़ोतरी करने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं।
इन मागों को लेकर हड़ताल
- डीजल का रेट लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में यात्री किराये में 40 फीसदी वृद्धि की जाए।
- यात्री किराये में टोल टैक्स भी जाेड़ा जाए।
- यात्री वाहनों की उम्र सीमा को 12 से बढ़ाकर 15 साल किया जाए।
- व्हील बेस का कानून जो वर्ष 2013 में लाया गया है, उसे तभी से पंजीकृत वाहनों पर लागू करें। उससे पहले के रजिस्टर्ड वाहनों को इससे छूट दी जाए।
- गाड़ियों में सेम टाइम में परमिट दे रहे हैं, उसमें 10 मिनट का अंतराल हो इससे शासन को नुकसान नहीं
ट्रांसपोर्ट चेंबर अध्यक्ष ने क्या कहा यह भी पढ़िए
- छत्तीसगढ़ ट्रांसपोर्ट चेंबर के अध्यक्ष हरचरण सिंह साहनी का कहना है कि जो प्रमुख मांगे सरकार के सामने रखी है, उसमें डीजल के दामों में कमी के साथ ही उसके दामों में त्रैमासिक संशोधन किया जाए। भारत पूर्ण रुप से टोल बैरियर मुक्त हो। साथ ही पे लोड कैपेसिटी बढाई जाए।