शनि देव प्रसन्न करने हजारों ग्रामीण एक साथ एकाएक शहर के शनिमंदिरों में पहुंच रहे हैं। इसके कारण प्रसाद बेचने वालों की लॉटरी निकल गई है। 10 रुपए के सामग्री को 60 में बेच रहे हैं। बतादें कि कुछ दिनों पहले ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा भ्रम फैलाया गया है कि लोग शनि मंदिर पहुंचने विवश हो गए हैं। कहा यह जा रहा है कि शनि देव में प्रसाद और दक्षिणा देने से घर में धन वर्षा होगी। यहीं वह वजह है कि शनिवार सुबह होते ही ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों लोग शहर में स्थित शनि मंदिर में पहुंच रहे हैं।
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शनिवार को महासमुंद स्थित पुराने कचहरी चौक शनि मंदिर में सुबह से हजारों लोग पहुंचे थे। भीड़ की वजह से कई सालों से नियमित पूजा-पाठ करने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बतादें कि हजारों ग्रामीण शनिवार को अन्न त्याग दिए हैं, हालांकि शनिदेव में प्रसाद और दक्षिणा चढ़ाने में उन्हें 100 रुपए खर्च करना पड़ रहा है।
भीड़ इतनी जुट रही है कि नेशनल हाइवे तक लोग पहुंच जा रहे हैं जिसके कारण यातायात व्यवस्था खराब हो गई है।
सिरपुर क्षेत्र के गांव अमेठी से 100 महिलाएं शनिदेव में प्रसाद चढ़ाने पहुंची थी। महिलाओं ने बताया कि उन्हें नहीं मालूम था जब पड़ोसी के गांव वालों ने शनिदेव की पूजा शुरू की तो हमने भी किया।
मचेवा, बेलसोंडा, तुमगांव, बेमचा, बरोंडाबाजार लाफिन, झालखम्हरिया, खट्टी, कौंदकेरा के अलावा दर्जनों गांव से महिलाएं पहुंची थी।
इनमें से अधिकांश महिलाएं पहली बार शनि मंदिर का दर्शन किए हैं। महिलाओं ने बताया कि शनिवार को व्रत रखने से ध की प्राप्ति होती है, इसलिए ऐसा कर रहे हैं।
जानिए पंडितों की राय
शनि मंदिरों के पंडितों का कहना है कि उन्हें भी नहीं मालूम कि अचानक मंदिर में भीड़ कैसे हो गई। महीनेभर से ग्रामीण क्षेत्र के लोग पूजा करने पहुंच रहे हैं। स्थति यह है कि एक व्यक्ति को 30 सेकंड से भी अधिक समय पूजा के लिए नहीं दिया जा रहा है। शनिदेव के कई सालों से नियमित पूजा कर रहे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले लोग इतमिनान से पूजा करते थे।