0 मामला का संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने जारी किया शोकाज नोटिस
0 शासन ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए बंद कर दिया है अटैचमेंट
0 महासमुंद बीईओ पीके शर्मा ने प्रशासन को अंधेरे में रख अपने दफ्तर में रखा है 3 शिक्षकों को
महासमुंद।
- आर्थिक अनियमितता के चलते महासमुंद बीईओ पीके शर्मा तीन बार संस्पेंड हो चुके हैं। बावजूद सुधरने का नाम नहीं ले रहा हैं।
- अब बीईओ ने नया कारनामा करते हुए शासन के आदेश को दरकिनार करते हुए खुद नया आदेश जारी कर स्कूल में पढ़ाने वाले तीन शिक्षकों को अपने कार्यालय में लंबे समय से अटैच कर रखा हैं।
- दूसरी ओर बचने के लिए डीईओ दफ्तर का आदेश बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश में लगे हैं।
- हालांकि डीईओं ने साफ तौर पर कह दिया है कि हमने इस तरह के आदेश नहीं निकाला है, बीईओ नियम-कायदे को ताक में रख मनमर्जी कर रहे हैं।
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इन स्कूलों के शिक्षक हैं अटैच
- अछोला, बेमचा तथा रायतुम के प्रतिभा साहू, विवेक कुमार योगी तथा दिव्येश वाणी को अगस्त 2017 से अपने कार्यालय में अटैच कर रखा है।
- बकायदा इन स्कूलों के शिक्षक द्वारा स्कूल में रखे पाठकान में उपस्थिति हस्ताक्षर भी लगवाया जा रहा है।
- इन स्कूलों के प्रधानपाठक ने बताया कि बीईओ यह काम उनसे जबरदस्ती करवाया जा रहा है।
- यहां तक इन स्कूलों के प्रधानपाठक द्वारा शिक्षकों के उपस्थिति की जगह में बीईओ अटैच लिख दिए जाने से प्रधानपाठकों की क्लास भी लिया गया।
- यहीं नहीं प्रधानपाठक द्वारा लिखे गए अटैच शब्द को जबरदस्ती हटवाया गया।
- प्रशासन के निरीक्षण के दौरान हटा दिया गया।
- जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कलेक्टर और विभाग द्वारा औचक निरीक्षण के दौरान बीईओ ने कार्यरत शिक्षक के नाम को विलुप्त कर दिया था।
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इन मामलों में पीके शर्मा हो चुके हैं सस्पेंड
- रायगढ़ में पदस्थ बीईओं पीके शर्मा पर 8.50 लाख रुपए गबन करने का आरोप लगा था, जिसके लिए उन्हें संस्पेंड किया गया।
- सराईपाली में जब पदस्थ थे तो वहां भी भ्रष्ट्राचार और अनियमितता के लिए संस्पेंड हुआ।
- वर्तमान में जहां पदस्थ हैं वहां महासमुंद के शिक्षाकर्मियों ने वेतन दिलाने के लिए 500 रुपए लेने का आरोप लगाया था, जिसके लिए उन्हें संस्पेंड कर दिया गया था।
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उच्च अफसरों की मिलीभगत से कई सवाल
- बार-बार एक ही अधिकारी को अनियमितता को लेकर संस्पेंड किया जाता है, और उन्हें पुन: बहाल कर उन्हें कुर्सी दे दी जाती है?
- 25/55 नियम के अनुसार किसी आईएस हो या कर्मचारी संस्पेंड होते हैं तो उन्हें सेवा से पृथक किया जाना है।
- महासमुंद में जब पदस्थ थे तो अफसरों ने संस्पेंड तो कर दिया लेकिन 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पाए इसलिए स्वत: बहाल हो गए।
- कलेक्टर ने मामले की संज्ञान लेते हुए 3 दिवस के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।