राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
महासमुंद। खल्लारी के वार्ड क्रमांक 1 में शासकीय प्राथमिक शाला के दो बच्चों ने तालाब में डूब रहे मोहल्ले के एक अन्य छः वर्षीय मासूम की जान बचाकर साहस का परिचय दिखाया। इन बच्चों की साहस को देखते राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिलाने खल्लारी के सामाजिक कार्यकर्ता तारेश साहू ने महासमुन्द कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
जानिए पूरा घटनाक्रम
- वार्डवासी और प्रत्येक्षदर्शी चम्मन यादव एवं परसोधीन कमार के जानकारी पर ग्राम पंचायत खल्लारी के उपसरपंच उषा यादव ने बताया शनिवार 14 अप्रैल को दोपहर करीब 12.30 बजे राजा डिपरापारा के मनहरण विश्वकर्मा व उर्मिला विश्वकर्मा के पुत्र परमेश्वर विश्वकर्मा (छः वर्षीय) मोहल्ले से लगे तालाब में नहाने के दौरान डूब रहे थे।
परमेश्वर - तभी तालाब नहा रहे मोहल्ले के संतोष वैष्णव व कोमिन वैष्णव के साहसी वीर बालक सोमनाथ वैष्णव (10 वर्षीय) और रामचरण यादव व बिमला यादव के साहसी वीर बालिका पूनम यादव (11 वर्षीय) ने अपने साहस का परिचय देते हुए तालाब में छलांग लगाकर परमेश्वर विश्वकर्मा को हाथ को खींचकर बाहर निकाला।
- मासूम परमेश्वर काफी डरा हुआ था। तालाब से बाहर निकालने के बाद पचरी में बैठकर कुछ समय तक बालक रोता रहा। तभी कुछ लोगों ने इस घटना की जानकारी उनके परिवार वालों को दी।
- सूचना पाकर तत्काल मासूम के दादा, दादी तालाब पहुंचे और उनके नाती को जान बचाने वाले सोमनाथ वैष्णव और पूनम यादव के बहादूरी का प्रशंसा करते हुए दोनों बच्चों को शाबासी दी।
यहां पहले भी दिखा चुके हैं साहसिक कदम
इसी तरह पहले भी यहां 5 जुलाई 2015 को खल्लारी में इसी मोहल्ले के ही विशेष पिछड़ी जनजाति की 17 वर्षीय बालिका कु. अमृका कमार ने भी अपने जान को जोखिम में डाल कर 16 फिट गहरे कुए में छलांग लगाकर दो वर्षीय मासुम बालिका (कु. देनिशा साहू) जो कुए में अपनेे मां के साथ नहाते समय गिर गई थी, जिसकी जान बचाया था। जिसके लिए खल्लारी के कु. अमृका कमार को राज्य वीरता पुरस्कार से छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास टण्ड़न के द्वारा 26 जनवरी 2016 के मौके पर सम्मानित किया गया था। तत्पश्चात वहीं इसी कड़ी में अमृका कमार को मुम्बई में भी 15वाॅ, घनश्याम बिनानी ब्रेवरी अवार्ड 2016 से मुम्बई में सम्मानित किया गया था।
अत्यंत गरीब परिवारों से है, ये तीनों बच्चे –

खल्लारी के इन साहसी बहादूर बच्चों के परिवारों पर नजर डालें तो इसमें कक्षा – पांचवी के छात्र सोमनाथ वैष्णव (10 वर्षीय) के परिवार में इनके पिता संतोष वैष्णव, गांव के मंदिरों और लोगों के बुलावे पर घरों में कथा, पुजा पाठ करने वाले पंड़ित है और कक्षा – चौथी के छात्रा पूनम यादव (11वर्षीय) के परिवार में इनके पिता रामचरण यादव जो की गाय, बैल, बैस चराने संहित मजदूरी आदि का कार्य करतें हैं। वहीं इसके आलावा आंगनबाड़ी केन्द्र में अध्ययन कर परमेश्वर विश्वकर्मा (छः वर्षीय) बालक अपने दादा गाड़ाराय विश्वकर्मा (65 वर्षीय) और दादी रमशीला विश्वकर्मा (57 वर्षीय) संहित अपने 03 वर्षीय छोटे भाई मुकेश विश्वकर्मा के साथ रहता है। जबकि इनके पिता मनहरण विश्वकर्मा व माता उर्मिला विश्वकर्मा अपने गरीबी के चलते कमाने भट्टा गया हुआ है।