-
दीक्षांत समारोह में 406 विद्यार्थियों को डिग्री और 19 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक वितरित
-
उपराष्ट्रपति ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और उपाधि प्रदान की
रायपुर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने कहा कि पत्रकारिता एक मिशन है, कमीशन नहीं। उन्होंने कहा – पहले पत्रकारिता एक मिशन थी, आज यह उद्योग का स्वरूप ले रही है। इससे पत्रकारिता की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है। नायडु शासकीय विज्ञान महाविद्यालय परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह को मुख्य आतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने की। डॉ. सिंह ने कहा समाचारों की विश्वसनीयता ही पत्रकारिता की पहचान होती है।
विश्वसनीयता पर उठ रहे सवाल
- उपराष्ट्रपति नायडु ने समारोह में आगे कहा – पत्रकारिता आज उद्योग का स्वरूप ले रही है।
- पिछले 25 वर्षों के दौरान टी.व्ही. चैनलों ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है, प्रौद्योगिकी के विकास के साथ स्मार्ट फोन की मदद से डिजिटल मीडिया हम सबके हाथों में पहुंच चुका है।
- हम सभी सुचनाएं गढ़ने, प्रेषित करने और प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं, ऐसे दौर में हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है।
- उचित और अनुचित में भेद करने का दायित्व हम सभी का है।
- इस दौर में पत्रकारिता के विद्यार्थियों को विवेकशील बनना होगा।
- नायडु ने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थी एक आदर्श पत्रकार के रूप में देश और समाज हित में काम करें और एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देंगे।
- माता, मातृभूमि, मातृभाषा और गुरूजनों का सम्मान करना कभी न भूलें।
- उन्होंने कहा कि आज आई.टी. का युग है लेकिन इंटरनेट के गूगल जैसे सर्च इंजन कभी भी किसी गुरू का स्थान नहीं ले सकते।
छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता का गौरवशील इतिहास
- मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने अध्यक्षीय आसंदी से दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता का गौरवशाली इतिहास रहा है। समाचारों की विश्वसनीयता ही पत्रकारिता और पत्रकारों की पहचान बनाती है। लोकतंत्र में पत्रकारिता सिर्फ समाचार देने का माध्यम ही नही है बल्कि देश और समाज को सही दिशा देना भी इसका महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
19 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के 406 विद्यार्थियों को डिग्री और 19 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इनमें वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2016 व 2017 के बीच में उत्तीर्ण एम.फिल. के 27, स्नातकोत्तर के 170 और स्नातक के 209 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद रमेश बैस विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
न्यूज ब्रेकिंग करने वाली न हो सकारात्मक विश्वसनीय हो
- उपराष्ट्रपति नायडु ने कहा कि समाज में पत्रकारिता उत्कृष्ट और महत्वपूर्ण कार्य है। मैने अपने 40 साल के सार्वजनिक जीवन में पत्रकार मित्रों से काफी कुछ सीखा है,
- उनके साथ बातचीत से हिन्दी सीखने का अवसर मिला। पत्रकारिता और पत्रकारों ने स्वतंत्रता संग्राम में महती भूमिका निभाई थी। उस दौर के लगभग सभी बड़े नेता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर समाचार पत्रों के माध्यम से जनता में जागरूकता पैदा करने क दिशा में प्रयासरत थे।
- इलेक्ट्रानिक समाचार चैनलों के बाद अब सोशल मीडिया का प्रभावशाली औजार पत्रकारों के हाथ में है, लेकिन इसके साथ पत्रकारों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। इन आधुनिक सुविधाओं का उपयोग विवेकशीलता के साथ समाज और देश के हित में किया जाना चाहिए।
- उन्होंने कहा कि ब्रेकिंग न्यूज ब्रेक करने वाली न हो बल्कि यह सकारात्मकता और समाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाली होनी चाहिए।
- नायडु ने स्व. कुशाभाऊ ठाकरे को नमन करते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य कि उनके साथ लंबे समय तक मुझे काम करने का अवसर मिला।
- वे एक आदर्श नेता और मार्गदर्शक थे। पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेयी को याद करते हुए नायडु ने कहा कि अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया।
- यह गौरव का विषय है कि अटल जी ने ही इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था और विश्वविद्यालय ने उनकी कालजयी रचना ‘‘कदम मिलाकर चलना होगा‘‘ को अपना कुलगीत बनाया है।
- श्री नायडु ने दीक्षांत समारोह में उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। श्री नायडु ने कहा कि देश के प्रथम मीडिया गुरूकुल के तौर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।
- यह विश्वविद्यालय मीडिया शिक्षा में स्नातक से लेकर स्नातकोतर, एमफिल और पीएचडी की शिक्षा प्रदान कर रहा है। इसके लिए मैं विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देता हूं।
- उन्होंने कहा कि आज भी हमारे देश के अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं और पिछड़े वर्ग के करोड़ों लोगों तक सूचनाएं सही मायने में, सही संदर्भो के साथ और सही समय पर पहुंचाने की आवश्यकता है।
- यह कार्य करके पत्रकार समरस समाज की स्थापना में अपना योगदान दे सकते हैं।
- उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की स्मारिका ‘‘केटीयु न्यूज‘‘ के दीक्षांत विशेषांक का विमोचन किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. मानसिंह परमार ने स्वागत उद्बोधन दिया। कुलसचिव डॉ. अतुल कुमार तिवारी ने आभार प्रदर्शन किया।