नवरात्रि पर जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि ,
इन मंत्रों से मां दुर्गा को करें प्रसन्न
नवरात्रि पर जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि ,
इन मंत्रों से मां दुर्गा को करें प्रसन्न
Navratri 2022
Navratri 2022
घटस्थापना सुबह का मुहूर्त - 06.17 AM - 07.55 AM
घटस्थापना सुबह का मुहूर्त - 06.17 AM - 07.55 AM
26 सितंबर 2022
26 सितंबर 2022
अवधि - 01 घण्टा 38 मिनट
अवधि - 01 घण्टा 38 मिनट
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त
- 11:54 AM - 12:42 PM ((26 सितंबर 2022)
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त
- 11:54 AM - 12:42 PM ((26 सितंबर 2022)
अवधि - 48 मिनट
अवधि - 48 मिनट
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना सामग्री
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना सामग्री
– जौ बोने के लिए चौड़े मुँह वाला मिट्टी का पात्र
– जौ बोने के लिए चौड़े मुँह वाला मिट्टी का पात्र
– सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज)
– सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज)
– स्वच्छ मिट्टी, मिट्टी या तांबे का कलश साथ में ढक्कन
– स्वच्छ मिट्टी, मिट्टी या तांबे का कलश साथ में ढक्कन
– कलावा, नारियल, लाल पुष्प, सिंदूर, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, इत्र, सिक्का
– कलावा, नारियल, लाल पुष्प, सिंदूर, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, इत्र, सिक्का
– अक्षत, लाल कपड़ा, सुपारी, लौंग, इलायची, पान, दूर्वा, मिठाई, धूप, अगरबत्ती
– अक्षत, लाल कपड़ा, सुपारी, लौंग, इलायची, पान, दूर्वा, मिठाई, धूप, अगरबत्ती
घटस्थापना मंत्र
घटस्थापना मंत्र
कलश स्थापित करते समय मंत्र का जाप करें सभी देवी-देवता और ग्रहों का आव्हान करना चाहिए
कलश स्थापित करते समय मंत्र का जाप करें सभी देवी-देवता और ग्रहों का आव्हान करना चाहिए
सप्तधान (7 प्रकार के अनाज) बोने का मंत्र
सप्तधान (7 प्रकार के अनाज) बोने का मंत्र
ओम धान्यमसि धिनुहि देवान् प्राणाय त्यो दानाय त्वा व्यानाय त्वा। दीर्घामनु प्रसितिमायुषे धां देवो वः सविता हिरण्यपाणिः प्रति गृभ्णात्वच्छिद्रेण पाणिना चक्षुषे त्वा महीनां पयोऽसि।।
ओम धान्यमसि धिनुहि देवान् प्राणाय त्यो दानाय त्वा व्यानाय त्वा। दीर्घामनु प्रसितिमायुषे धां देवो वः सविता हिरण्यपाणिः प्रति गृभ्णात्वच्छिद्रेण पाणिना चक्षुषे त्वा महीनां पयोऽसि।।
कलश पर नारियल रखने का मंत्र
कलश पर नारियल रखने का मंत्र
इस मंत्र को बोलते हुए नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर रखें.
इस मंत्र को बोलते हुए नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर रखें.
ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पा याश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व हसः।।
ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पा याश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व हसः।।
नवरात्रि के 9 दिनों के लिए 9 रेसिपी
नवरात्रि के 9 दिनों के लिए 9 रेसिपी
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