आचार्य चाणक्य बहुत बड़े कुटनीतिज्ञ थे. उन्होंने मानव जीवन को लेकर कई सारी बातें कही हैं. उनकी बातों को चाणक्य नीति शास्त्र में संकलित किया गया है
जीवन में जिसने भी आचार्य चाणक्य की नीतियों को अपनाया, वह कभी असफल नहीं हुआ है. चाणक्य नीति के अनुसार,
मनुष्य को जानवरों और पक्षियों के भी कुछ खास गुण सीख लेने चाहिए. इनके कुछ गुणों को अपनाकर कामयाबी पाई जा सकती है और इंसान कभी मात नहीं खा सकता है.
शेर से एकाग्रता का गुण सीखा जा सकता है. शेर कबी आलस्य नहीं करता है. शिकार के लिए वह आलस्य छोड़ देता है और एकाग्रता बनाए रखता है.
यही वजह है कि शिकार का शेर के चंगूल से बच निकलना काफी मुश्किल हो जाता है. इंसान को भी शेर के इन गुणों को अपनाना चाहिए.
चाणक्य नीति के अनुसार, बाज काफी घातक प्राणी माना जाता है. वह कभी शिकार करने के लिए जल्दबाजी में फैसला नहीं करता है.
वह अपने लक्ष्य में फोकस करता है, यही वजह है कि वह अपने लक्ष्य से नहीं चुकता है.
इसी तरह इंसान को हर परिस्थिति में सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए. कभी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
चाणक्य नीति के अनुसार, सांप के पैर नहीं होते हैं. इसके बावजूद वह अपनी कमजोरी नहीं दिखाता है. वह रेंगकर अपना शिकार करता है.
उसने रेंगने को अपनी मजबूती बना लिया है. यही वजह है कि सांप को देखते ही लोग डर जाते हैं. इसी तरह इंसान को अपनी किसी भी कमी को दिखान नहीं चाहिए.
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में कहा है कि गधे को चाहे मूर्ख माना जाता है,
लेकिन वह काफी मेहनती होता है.
मेहनत के दम पर हर मुकाम आसानी से हासिल किया जा सकता है
इससे रतिभा में निखार आता है.