ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम 17 मार्च से वनडे सीरीज का आगाज करेगी और पहले वनडे में भारतीय टीम की कमान ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) के हाथों में है।

इस सीरीज से पहले दोनों टीमों के बीच टेस्ट सीरीज भी खेली गई थी और भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में भी जगह बनाई। 

फाइनल मुकाबला इंग्लैंड के ओवल में खेला जाना है और वहां की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्लेइंग XI के कॉम्बिनेशन के लिए

तेज गेंदबाज ऑलराउंडर का होना बहुत जरूरी है। इसी वजह से कई दिग्गजों ने हार्दिक की वापसी की भी बात कही थी

लेकिन ऑलराउंडर खिलाड़ी ने साफ़ इंकार कर दिया है। उनके मुताबिक,

उन्होंने WTC फाइनल में खेलने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया जिसके आधार पर उन्हें मौका मिले।

हार्दिक पांड्या ने पिछले साल भारतीय टीम में वापसी की थी। उन्होंने शुरुआत में केवल टी20 मैचों में ही शिरकत की थी लेकिन बाद में वनडे टीम में भी नजर आये। 

इसी वजह से काफी लोगों ने कहा था कि हार्दिक पांड्या अगर फिट हैं तो उन्हें टेस्ट में भी मौका दिया जाना चाहिए।

गुरुवार को मैच की पूर्व संध्या पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातचीत के दौरान WTC फाइनल में खेलने को लेकर हार्दिक ने कहा,

मैं नैतिक रूप से बहुत मजबूत व्यक्ति हूं। मैंने वहां पहुंचने के लिए 10% काम नहीं किया है। मैं 1% का हिस्सा भी नहीं हूं। इसलिए मेरा वहां आना और किसी की जगह लेना नैतिक रूप से अच्छा नहीं होगा।

गर मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं तो मैं कड़ी मेहनत करूंगा और अपनी जगह बनाऊंगा। इसलिए, 

इस कारण से मैं डब्ल्यूटीसी फाइनल या भविष्य की टेस्ट सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं रहूंगा जब तक कि मुझे नहीं लगता कि मैंने अपना स्थान अर्जित कर लिया है।

2017 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने वाले हार्दिक पांड्या ने अपने करियर में अभी तक 11 टेस्ट मुकाबले खेले हैं। 

इस दौरान उनके बल्ले से 532 रन आए और गेंद से 17 विकेट भी लिए। वहीं उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मुकाबला 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।