सबसे पहले जानते हैं सीधी यानी स्ट्रेट ठोड़ी के बारे में। अगर चेहरे को बाजू की तरफ से देखने पर होठ और ठोड़ी के आगे के भाग को स्पर्श करते हुए एक काल्पनिक रेखा खींची जाए

यह रेखा नब्बे डिग्री का कोण बनाती नजर आए तो ऐसी ठोड़ी को सीधी, स्ट्रेट ठोड़ी कहेंगे। यह आदर्श ठोड़ी मानी जाती है।

ऐसे लोग भी आदर्श गुणों से सम्पन्न होते हैं। साथ ही सन्तुलित विचारों वाले, गंभीर और सच बोलने वाले होते हैं। इनमें मानवीय गुणों की प्रधानता होती है।

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार साइड से या बाजू की तरफ से देखने पर जो ठोड़ी सीधी, यानी स्ट्रेट दिखायी दे, ऐसे लोग आदर्श गुणों वाले, गंभीर और सन्तुलित विचारों के धनी होते हैं।

ऐसे व्यक्ति समाज में भी अपने आदर्शों, अच्छे चरित्र, भलाई और उदारता के लिए जाने जाते हैं

संसार की सुख-सुविधाओं का लाभ भी ये आदर्श के मार्ग पर चलते हुए ही उठाते हैं।

जीवन में भौतिकता और आध्यात्मिकता दोनों का संतुलन बड़े ही अच्छे से बनाकर चलते हैं और अपने किसी भी काम को अच्छे से सोच-समझकर करते हैं

जीवन में भौतिकता और आध्यात्मिकता दोनों का संतुलन बड़े ही अच्छे से बनाकर चलते हैं और अपने किसी भी काम को अच्छे से सोच-समझकर करते हैं

इनके अंदर जैविक गुणों की कमी देखने को मिलती है। ये लोग शरीर के साथ-साथ मन से भी दुर्बल होते हैं। इनका कॉन्फिडेंस लेवल बहुत कम होता है।

 साथ ही इनकी बुद्धि अधिक विकसित नहीं हो पाती और ये मन से चंचल होते हैं। इन्हें दूसरों के अंडर रहकर काम करना पड़ता है।

इनके अंदर बौद्धिक कुशलता के साथ महत्वकांक्षा का भी अभाव होता है। ये अपने आप से निराश

थोड़े लालची और बहुत बोलने वाले होते हैं। इनके स्वभाव में विवेक की कमी देखने को मिलती है।

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की ठोड़ी साइड से, यानी बाजू की तरफ से देखने पर बाहर की ओर निकली हुई प्रतीत होती है, ऐसी ठोड़ी वाले लोगों

में असाधारण कार्य क्षमता होती है। ये लोग कभी भी किसी भी काम से नहीं थकते, बल्कि इन्हें काम करके ही खुशी मिलती है।

ये अपने कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के बल पर एक के बाद एक सफलताएं प्राप्त करते जाते हैं। काम के प्रति इनके सिर पर जैसे एक जुनून सवार होता है। अगर एक बार इनका जुनून टूट गया तो ये अपने कार्य से विमुख हो जाते हैं।