टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन ने इस्तीफा दिया है।

गोपीनाथन के इस्तीफ के बाद कंपनी ने के. क्रिथिवासन को तत्काल प्रभाव से प्रभारी सीईओ नामित कर दिया है। 

टाटा समूह की कंपनी ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है।

दुनिया की बड़ी कंपनियां अपने टॉप अधिकारियों को मोटी सैलरी देती है.

क्सर ऐसे अधिकारियों की सैलरी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनती है. ताजा मामला है देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के सीईओ की सैलरी का.

टाटा समूह की सॉफ्टवेयर कंपनी के सीईओ की सैलरी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.

टीसीएस जैसी कंपनियां अपने टॉप कार्यकारियों को कई तरह के लाभ देती हैं. इनमें बेसिक सैलरी, भत्ते, कमीशन आदि शामिल होते हैं. टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन की बात करें

उन्हें वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 25.75 करोड़ रुपये मिले. इसमें 1.5 करोड़ रुपये सैलरी, 2.25 करोड़ रुपये के भत्ते व अन्य लाभ और 22 करोड़ रुपये के कमीशन शामिल हैं

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान गोपीनाथन को साल भर पहले की तुलना में 26.6 फीसदी ज्यादा भुगतान मिला.

टीसीएस ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि वह अपने प्रबंध निदेशक और कार्यकारी निदेशकों को सैलरी, भत्ते व अन्य लाभ और कमीशन आदि का भुगतान करती है

इसमें भत्ते व अन्य लाभ फिक्स्ड होते हैं, जबकि कमीशन वैरिएबल होता है. वैरिएबल पे को परफॉर्मेंस पे के नाम से भी जाना जाता है

यह कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन के ऊपर निर्भर करता है. अगर कंपनी को ज्यादा मुनाफा होता है, तब कार्यकारियों को ज्यादा पैसे मिलते हैं.

राजेश गोपीनाथन ने एनआईटी ट्रिची से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिग्री ली है. 

उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट में पीजी-डिप्लोमा भी किया है.

उन्हें टीसीएस को फॉर्च्यून की प्रेफर्ड पार्टनर्स की 500 कंपनियों वाली लिस्ट में शामिल कराने का श्रेय जाता है. 

कंपनी ने गोपीनाथन को इसी महीने पांच और साल के लिए मैनेजिंग पार्टनर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया है. 

उनका कार्यकाल 21 फरवरी 2022 से बढ़ाकर 20 फरवरी 2027 तक कर दिया गया है.