संतानों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना में महिलाओं ने रखा कमरछठ का व्रत

शिवालिया पार्क में हलषष्ठी व्रत की पूजा
महासमुंद में कमरछठ की पूजा
कमरछठ पर शिवालिया पार्क में पूजा करती व्रती महिलाएं

महासमुंद| कमरछठ यानि हलषष्ठी के अवसर पर शिवालिया पार्क स्थित द्वारिकायन परिसर श्रद्धा और आस्था से सराबोर रहा। व्रती महिलाओं ने दिनभर उपवास रख मां हलषष्ठी और भगवान शिव से संतानों की लंबी उम्र, निरोगी जीवन और परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। आचार्य श्रवणकुमार शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना कराई और व्रती महिलाओं को पुराणों में वर्णित हलषष्ठी व्रत कथा सुनाई। तालाब के प्रतीकात्मक स्वरूप सगरी के समीप व्रतियों ने हलषष्ठी माता का पूजन किया और पार्थिव शिवलिंग का जलाभिषेक किया।

आचार्य ने बताया कि हलषष्ठी व्रत को संतान सुख और उनके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान बलराम का जन्म हुआ था, जो हल के प्रतीक माने जाते हैं। एक अन्य कथा के अनुसार, एक ग्वालिन ने संतान सुख की कामना में व्रत किया, किंतु संयोग से उसी दिन उसके पुत्र का निधन हो गया। व्याकुल होकर उसने पड़ोसी का नवजात शिशु चुरा लिया। असली मां के विलाप पर हलषष्ठी माता प्रकट हुईं और वचन दिया कि जो महिलाएं इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा से करेंगी, उन्हें उनकी कृपा प्राप्त होगी। माता ने दोनों बच्चों को उनकी असली माताओं को लौटाकर यह आशीर्वाद दिया कि व्रत करने से संतानों को दीर्घायु और स्वास्थ्य मिलेगा। तभी से इस दिन मिट्टी का स्पर्श और खेत में हल चलाना वर्जित है।

व्रतियों ने माता को शृंगार सामग्री अर्पित कर विशेष अर्चन किया और प्रसाद वितरण किया। मौके पर खुशबू गजेंद्र, उषा साहू, कविता चंद्राकर, मयूरी शर्मा, राधिका सोनी, नीलिमा चंद्राकर, शोभा डड़सेना, दिव्या साहू, यशोदा सिन्हा, नेहा सिन्हा, अनिता डड़सेना, वंदना चंद्राकर सहित कई महिलाएं उपस्थित रहीं। एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी गईं और संतान कल्याण की मंगलकामनाएं व्यक्त की गईं।

महासमुंद, कोमाखान–गरियाबंद सड़क परियोजनाओं को मिली रफ्तार

ये भी पढ़ें...

webmorcha.com

Swachh Survekshan 2024: स्वच्छता के क्षेत्र में महासमुंद, रायपुर, पाटन, कुम्हारी और आरंग को मिलेंगे पांच राष्ट्रीय पुरस्कार, राष्ट्रपति के हाथों CM साय ग्रहण करेंगे सम्मान

कमरछठखुशबू गजेंद्रद्वारिकायननीरज गजेंद्रमहासमुंदशिवालिया पार्कहलषष्ठी
[wpr-template id="218"]