🔴 CG BJP नेत्री और फैक्ट्री मैनेजर की कथित डील का ऑडियो वायरल, IG ने दिए जांच के आदेश

कथित डील का ऑडियो वायरल

रायपुर/राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक भाजपा नेत्री और निजी फैक्ट्री के मैनेजर के बीच कथित लेन-देन की बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया है। यह बातचीत अंजोरा जलाशय के पानी के औद्योगिक उपयोग को लेकर बताई जा रही है। मामले में बढ़ते विवाद के बाद पुलिस महानिरीक्षक (IG) ने जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं।


🎧 वायरल ऑडियो में क्या है?

“टीआई ने 5-7 लाख रुपए लिए हैं… और काम खुद करवा रहा है… उसने कहा है कि काम रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक करना… और ग्राम पंचायत के सदस्यों को पैसे देकर बाहर घुमाने भेज दिया है… मैडम भरोसे से बता रहा हूं, इसको रिकार्डिंग करके वायरल मत करवा दीजिएगा।”

यह कथित ऑडियो न्यू लुक बायो केमिकल फैक्ट्री के मैनेजर प्रदीप मिश्रा और ग्राम पंचायत मगरलोट की पूर्व सरपंच एवं भाजपा नेत्री कनक दुबे के बीच की बताई जा रही है।


📌 मामले की मुख्य बातें:

  • अंजोरा जलाशय का पानी फैक्ट्री में उपयोग करने को लेकर बातचीत।

  • फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा लगभग 5 किमी पाइपलाइन बिछाने की तैयारी।

  • बातचीत में स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के ‘मैनेज’ होने का जिक्र।

  • ग्रामीणों का विरोध – “जलाशय का पानी सिंचाई, निस्तार और मवेशियों के लिए है”

  • कांग्रेस ने भी जताई आपत्ति, IG को सौंपा ज्ञापन।


🧑‍🌾 ग्रामीणों का विरोध तेज:

टेडेसरा, देवादा, धीरी, कोपेडीह, अंजोरा, इंदावानी और बिरेझर के ग्रामीणों ने फैक्ट्री द्वारा जलाशय के पानी के उपयोग का विरोध करते हुए कलेक्टर व IG को शिकायत सौंपी। ग्रामीणों का कहना है कि यह पानी वर्षों से कृषि, मवेशियों और मत्स्य पालन के लिए उपयोग हो रहा है और इसे निजी उद्योग को देना जनहित के खिलाफ है।


🧾 कांग्रेस का आरोप – ये भ्रष्टाचार है!

कांग्रेस नेता जितेन्द्र मुदलियार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने IG को ज्ञापन सौंपते हुए मामले की गंभीरता और भ्रष्टाचार की आशंका जताई। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि फैक्ट्री द्वारा बिना अनुमति इतनी लंबी पाइपलाइन कैसे बिछाई जा रही है।


🕵️ IG ने दिए जांच के निर्देश:

मामले की गंभीरता को देखते हुए IG ने नगर पुलिस अधीक्षक को जांच सौंप दी है। अब यह देखा जाना बाकी है कि वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि होती है या नहीं, लेकिन मामला राजनीतिक, प्रशासनिक और जनहित तीनों ही स्तरों पर गर्मा चुका है।


🔊 ऑडियो सुनने के लिए यहां क्लिक करें 👉 [लिंक डालें]

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