महासमुंद। जिले के बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम पटपरपाली-बाम्हनडीह के ग्रामीण इन दिनों आतंक के साये में जी रहे हैं। पिछले एक महीने से गांव में भालुओं का एक दल लगातार घूम रहा है, जो शाम ढलते ही घरों के आसपास मंडराने लगता है। स्थिति यह है कि भालू सीधे घरों के दरवाजे तोड़कर रसोई में घुस रहे हैं और वहां रखे तेल व खाद्य सामग्री को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
रातभर दहशत, कई घरों में घुसने की कोशिश
गुरुवार बीती रात भालुओं ने गांव के कई हिस्सों में दहशत फैला दी।
ग्रामीणों—कुमारी यादव, फुलचंद सेन और छोटू साहू—ने बताया कि भालुओं ने उनके घर के गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की। हालांकि किसी तरह का बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन लगातार हो रही घटनाओं से लोग बेहद परेशान हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि भालुओं के डर से वे अब सूर्यास्त के बाद घर से बाहर नहीं निकलते, और दरवाजों को रस्सी व लकड़ी से मजबूती से बांधकर सोते हैं।
शिकायतें दर्ज, लेकिन व्यवस्था नदारद
ग्रामीणों ने पिछले कई हफ्तों में वन विभाग को कई बार मौखिक और लिखित शिकायतें दी हैं, लेकिन अब तक भालुओं को भगाने या पकड़ने की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई है।
दल में 4–5 भालू, दो बच्चे भी शामिल
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में घूम रहे भालुओं की संख्या 4 से 5 है, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। कुछ दिन पहले भालू छोटू साहू के रसोई घर में दरवाजा तोड़कर घुस गया था, जहां उसने खाद्य सामग्री तहस-नहस कर दी। परिवार ने डर के कारण रसोई को बाहर से बंद कर दिया था।
वन विभाग की सफाई
कोमाखान तहसील वन परिक्षेत्र के रेंजर सिन्हा ने बताया कि भालुओं की गतिविधि की सूचना उच्च अधिकारियों को भेजी गई है।
उन्होंने कहा,
“भालुओं को पकड़ने या खदेड़ने की कार्रवाई का अधिकार हमारे पास नहीं है। ग्रामीण सतर्क रहें और भालुओं से दूरी बनाए रखें।”























