शराब घोटाले में बड़ा एक्शन: चैतन्य बघेल को 14 दिन की जेल, ईडी ने बताया ₹1000 करोड़ से ज्यादा का घोटाला

भूपेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। आज ईडी रिमांड समाप्त होने के बाद चैतन्य को रायपुर स्थित विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

गौरतलब है कि ईडी ने 18 जुलाई की सुबह भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापेमारी कर चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार किया था। उन पर छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। प्रारंभिक पूछताछ के लिए कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा था।

ईडी ने किया बड़ा खुलासा

21 जुलाई को रायपुर स्थित ईडी कार्यालय की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया है। शराब घोटाले की जांच भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज एसीबी/ईओडब्ल्यू की एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी।

ईडी की जांच में अब तक सामने आया है कि इस घोटाले के चलते राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है और करीब ₹2,500 करोड़ की अवैध कमाई घोटाले से जुड़े विभिन्न लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई।

चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले

ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, चैतन्य बघेल को ₹16.70 करोड़ की प्रॉसीड्स ऑफ क्राइम (POC) प्राप्त हुई थी, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से खपाया। इस नकदी का उपयोग उन्होंने अपने प्रोजेक्ट के ठेकेदारों को भुगतान करने, बैंकिंग एंट्रीज और अन्य माध्यमों से किया।

इसके साथ ही, उन्होंने व्यापारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक योजना बनाई, जिसमें विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट के तहत कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीद की आड़ में ₹5 करोड़ की राशि अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त की गई। बैंकिंग ट्रेल से पता चला है कि इस दौरान ढिल्लों ने शराब सिंडिकेट से कई बार भुगतान प्राप्त किए।

1000 करोड़ से अधिक की संपत्ति के प्रबंधन का आरोप

ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल पर शराब घोटाले से उपजी ₹1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति को संभालने और उसका संचालन करने का भी आरोप है। वह तत्कालीन कांग्रेस कोषाध्यक्ष को यह राशि हस्तांतरित करने में अनवर ढेबर और अन्य आरोपियों के साथ समन्वय करते थे।

ईडी की जांच से यह भी सामने आया है कि इस धन का एक बड़ा हिस्सा बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों के माध्यम से आगे निवेश के लिए भेजा गया। इस राशि के अंतिम उपयोग की जांच फिलहाल जारी है।

मामले में पहले से कई बड़े चेहरे गिरफ्तार

इस मामले में ईडी पहले ही कई प्रमुख हस्तियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं वर्तमान विधायक कवासी लखमा शामिल हैं।

फिलहाल, इस मामले की जांच गहनता से जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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