रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाला मामले में मुख्य आरोपी और रिटायर्ड IAS अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला को लेकर आज बड़ा घटनाक्रम सामने आया। शुक्रवार को वे ईडी (ED) की संभावित गिरफ्तारी से बचने रायपुर स्थित स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल उनकी अर्जी को स्वीकार करने से मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं अपलोड, सरेंडर रोका गया
कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अभी तक अपलोड नहीं हुआ है, ऐसे में सरेंडर की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। आलोक शुक्ला के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद ही सरेंडर किया जा सकेगा।
सुबह भिलाई स्थित घर में ED की दबिश
आज सुबह ईडी की टीम ने आलोक शुक्ला के भिलाई तालपुरी स्थित घर पर दबिश दी थी। सूत्रों के अनुसार, तलाशी के बाद ईडी उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकती थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए ही शुक्ला ने सरेंडर की कोशिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई थी जमानत याचिका
नान घोटाले में डॉ. आलोक शुक्ला और पूर्व IAS अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी थी। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच (जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा) ने इसे खारिज कर दिया। आदेश के मुताबिक दोनों अधिकारियों को पहले दो हफ्ते ईडी की कस्टडी में और फिर दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिलेगी। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
भूपेश सरकार में मिली थी पॉवरफुल पोस्टिंग
गौरतलब है कि नान घोटाला सामने आने के वक्त आलोक शुक्ला खाद्य विभाग के सचिव थे। दिसंबर 2018 में EOW ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद 2019 में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद कांग्रेस सरकार ने शुक्ला और अनिल टुटेजा दोनों को अहम जिम्मेदारियाँ दी थीं। इसी दौरान जांच को प्रभावित करने का आरोप भी लगा।
10 जिलों में जारी ED की कार्रवाई
नान घोटाला मामले में प्रदेशभर के 10 जिलों में ईडी की कार्रवाई जारी है। दुर्ग में ईडी की टीम दो गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंची, वहीं भिलाई के हुडको स्थित सुधाकर रावटे के घर भी दबिश दी गई। टीम दस्तावेज खंगाल रही है और पूछताछ जारी है।
इससे पहले कस्टम मिलिंग मामले में पूर्व IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है। इन पर 140 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप है।








