रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में जांच एजेंसियों का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार को मामले में नया मोड़ लाते हुए 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विशेष अदालत में 2300 पन्नों का चालान पेश किया है। इससे पहले 30 जून को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ चौथा पूरक चालान दायर किया गया था।
🔍 लखमा पर गंभीर आरोप:
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कवासी लखमा को 64 करोड़ रुपये मिलने के दस्तावेजी साक्ष्य EOW को मिले।
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18 करोड़ रुपये का अवैध निवेश और खर्च की जानकारी।
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आरोप है कि विभागीय संरक्षण में सुनियोजित तरीके से घोटाला हुआ।
📅 लखमा की गिरफ्तारी और रिमांड:
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15 जनवरी 2025: ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार किया।
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21 जनवरी: न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
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ED ने पूछताछ के लिए 7 दिन की कस्टडी में लिया।
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लखमा की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।
⚖️ अब तक की जांच:
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कुल चार अभियोग पत्र कोर्ट में दाखिल किए गए हैं।
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13 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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मामले में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया, और अरुणपति त्रिपाठी जैसे नाम प्रमुख हैं।
📂 क्या है घोटाले की पूरी कहानी?
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साल 2017 में आबकारी नीति में बदलाव के बाद CSMCL के जरिए शराब बिक्री का प्रावधान हुआ।
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2019 में अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD बनवाया।
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इसके बाद अधिकारियों, नेताओं और शराब कारोबारियों का गठजोड़ बनाकर घोटाले को अंजाम दिया गया।
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आयकर विभाग ने 2022 में कोर्ट में याचिका देकर घोटाले का खुलासा किया था।
🧾 ED की चार्जशीट में ये नाम शामिल:
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कवासी लखमा
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अनवर ढेबर
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अनिल टुटेजा
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त्रिलोक सिंह ढिल्लन
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ओम साई ब्रेवरीज, वेलकम डिस्टिलर, टॉप सिक्योरिटी
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दिशिता वेंचर, भाटिया वाइन मर्चेंट, नेस्ट जेन पावर आदि
📢 जांच जारी, कई और खुलासों की संभावना
EOW और ED की कार्रवाई लगातार जारी है। अब तक की जांच से साफ है कि शराब नीति के जरिए अवैध वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए सरकार को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक और प्रशासनिक नामों का खुलासा हो सकता है।