नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी के बाद भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिकी कंपनी बोइंग से 31,500 करोड़ रुपये की डिफेंस डील को फिलहाल रोक दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए छह पी-8I पोसेडन समुद्री निगरानी विमानों की खरीद को लेकर था।
अमेरिका के दोहरे रवैये से भारत नाराज़
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल आयात पर आपत्ति जताते हुए भारत पर भारी टैक्स लगाने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स से स्पष्ट है कि अमेरिका और यूरोपीय देश खुद भी रूस से तेल, गैस और खाद की खरीद जारी रखे हुए हैं। ऐसे में भारत पर सवाल उठाना ‘दोहरे मापदंड’ जैसा है।
बोइंग को तगड़ा झटका, भारत देगा स्वदेशी परियोजनाओं को प्राथमिकता
भारत ने 2009 से लेकर अब तक अमेरिका से कुल 12 पी-8I पोसेडन विमान खरीदे हैं। मई 2021 में अमेरिका ने भारत को 6 और विमान बेचने की अनुमति दी थी, जिसकी लागत तब 2.4 अरब डॉलर थी। लेकिन जुलाई 2025 तक लागत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर यानी करीब ₹31,500 करोड़ हो गई। अब भारत सरकार ने इस डील को रोकते हुए स्वदेशी निगरानी विमान परियोजना को प्राथमिकता देने के संकेत दिए हैं।
भारत का आत्मनिर्भर विकल्प
डीआरडीओ और एचएएल मिलकर समुद्री निगरानी के लिए स्वदेशी विमान विकसित कर रहे हैं। ऐसे में भारी विदेशी खर्च से बचने के लिए भारत स्वदेशी टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ा सकता है। हालांकि डील के रद्द होने से भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा रणनीति पर अल्पकालिक असर पड़ सकता है।
ट्रंप की भाषा में जवाब, वैश्विक स्तर पर भारत का सख्त रुख
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय दबाव नीति के आगे नहीं झुकेगा। डोनाल्ड ट्रंप के बयानों के जवाब में भारत का यह कदम वैश्विक मंच पर उसकी सख्त और स्वतंत्र नीति को दर्शाता है।
📌 मुख्य बिंदु:
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₹31,500 करोड़ की बोइंग डील फिलहाल स्थगित
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ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी
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भारत ने जवाब में रूस से तेल खरीद पर दोहरा रवैया उजागर किया
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स्वदेशी निगरानी विमान विकसित कर रहा है भारत
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बोइंग को बड़ा कारोबारी नुकसान संभव