महासमुंद। छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी सिरपुर इन दिनों रहस्यमयी घटनाओं के कारण सुर्खियों में है। प्राचीन अवशेषों और बौद्ध विहारों के लिए प्रसिद्ध इस क्षेत्र के घने जंगल अब तंत्र-मंत्र की भयावह छाया में घिर गए हैं।
जंगल में मिले तांत्रिक पूजा के सामान
स्थानीय युवाओं ने सिरपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई कि रात के अंधेरे में अज्ञात लोग तांत्रिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। मौके पर मिले —
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काले कपड़े, रक्त सनी मिट्टी
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नींबू, हड्डियां, माला, मिठाई
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हल्दी, आटा, आईना, बिंदी
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जानवरों की बलि के प्रमाण
यह पहली बार नहीं है जब ऐसे तंत्र-साधना के निशान मिले हैं।
पुरातत्विक धरोहर पर खतरा
पहले भी यहां खुदाई के दौरान ईंटों की संरचनाएं, मूर्तियों के टुकड़े, जलहरी और मिट्टी के पात्र जैसे प्राचीन अवशेष मिले थे। लेकिन खुदाई स्थल को सुरक्षित नहीं किया गया और वह अब भी खुला पड़ा है।
पर्यटन विभाग की चुप्पी
सिरपुर ‘बौद्ध पर्यटन सर्किट’ का हिस्सा है, जहां हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। इसके बावजूद प्रशासन और पर्यटन विभाग ने न तो पुरातत्विक स्थल को सुरक्षित किया, न ही तांत्रिक गतिविधियों पर रोक लगाई।

ग्रामीणों में दहशत
स्थानीय लोगों का कहना है कि शाम के बाद जंगल में जाना असंभव सा हो गया है। उपसरपंच राजेश ठाकुर ने बताया, “जंगल के बीच गड्ढा और तांत्रिक पूजा सामग्री देखना डरावना अनुभव था।”
लोगों की मांग
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क्षेत्र को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए
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तांत्रिक गतिविधियों की जांच टीम बनाई जाए
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खुदाई स्थल को पुरातत्व विभाग के हवाले किया जाए
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जंगल में निगरानी और गश्त बढ़ाई जाए
अंतिम सवाल
क्या तंत्र की छाया में दफन हो जाएगी सिरपुर की गौरवशाली इतिहास गाथा? अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यहां की सांस्कृतिक और पुरातत्विक विरासत हमेशा के लिए खो सकती है।