महासमुंद। जिले की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए एक और मामला सामने आया है। तुसदा हाईस्कूल के प्राचार्य महेंन्द्र मरकाम पर मनमाने तरीके से शिक्षकों की व्यवस्था करने का आरोप लगा है।
युक्तियुक्तिकरण के बाद भी आदेश जारी
शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तिकरण के बाद शिक्षकों की व्यवस्था लगभग बंद है, लेकिन प्राचार्य महेंन्द्र मरकाम ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर दो शिक्षकों की व्यवस्था का आदेश जारी किया।
14 अगस्त 2025 को जारी आदेश पत्र क्रमांक 62 में उन्होंने सहायक शिक्षक (एलबी) श्रीमती पूर्णिमा ध्रुव को प्राथमिक शाला डुमरपाली से प्राथमिक शाला पेण्ड्रा में पदस्थ किया। उसी दिन आदेश पत्र क्रमांक 63 में पंकज साहू, सहायक शिक्षक (एलबी) को प्राथमिक शाला पेण्ड्रा से प्राथमिक शाला फूलझर में पदस्थ करने का आदेश जारी किया गया।
आदेश पर सवाल
शिक्षकों का कहना है कि एक ही स्कूल से शिक्षक को हटाकर उसी स्कूल के लिए दूसरे शिक्षक की व्यवस्था करना शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। यह आदेश 11 दिन बाद भी निरस्त नहीं किया गया है, जिससे शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
प्राचार्य का बयान
प्राचार्य महेंन्द्र मरकाम ने कहा –
“हां, शिक्षकों की व्यवस्था की गई थी। अब इसे निरस्त करेंगे। जल्द ही निरस्तीकरण का आदेश जारी होगा।”
बोईरगांव हाईस्कूल की बदहाल स्थिति
बागबाहरा ब्लॉक के बोईरगांव हाईस्कूल में 62 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक है। युक्तियुक्तिकरण के बाद यहां एक अतिरिक्त शिक्षक भेजा गया था, लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद उसने ज्वाइन नहीं किया। दिलचस्प बात यह है कि बागबाहरा शिक्षा विभाग ने webmorcha की खबर का संज्ञान लेते हुए परसुली हाईस्कूल के विज्ञान सहायक भोलाराम निषाद को 14 अगस्त 2025 को व्यवस्था के तहत बोईरगांव भेजा था। परसुली हाईस्कूल ने उन्हें रिलीव भी कर दिया, लेकिन हैरानी की बात है कि 15 दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने बोईरगांव हाईस्कूल में ज्वाइन नहीं किया है।
स्पष्ट है कि जिले की शिक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं। मनमानी और लापरवाही का खामियाजा बच्चे और अभिभावक भुगत रहे हैं।
यहां देखें प्रचार्य द्वारा पत्र