महासमुंद। बागबाहरा के वनांचल स्थित बोईरगांव हाईस्कूल में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। यहां 62 बच्चों को पढ़ाने के लिए केवल एक शिक्षक तैनात है। शिक्षक के अलावा एक प्रयोगशाला सहायक गणित पढ़ाते हैं। हैरानी की बात है कि युक्तियुक्तिकरण के बाद बसना ब्लॉक से एक शिक्षक भेजा गया, लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद उन्होंने अब तक ज्वॉइन नहीं किया।
2010 में शुरू हुए इस हाईस्कूल में वर्ष 2013 के आसपास दो साल तक चार शिक्षक थे, लेकिन दो के सेवानिवृत्त होने के बाद से विभाग ने यहां ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में अंग्रेजी विषय के शिक्षक कौशल कुमार मोंगरे ही सभी विषय पढ़ाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
शौचालय की हालत दयनीय
स्कूल में शौचालय तो है, लेकिन स्वीपर न होने के कारण इसकी स्थिति बेहद खराब है। बच्चों और शिक्षकों को इसका उपयोग करने में भी परेशानी होती है।
युक्तियुक्तिकरण के बाद भी निराशा
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और दूरस्थ व आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया शुरू की थी। इसका उद्देश्य सभी स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता और गुणवत्ता का संतुलन कायम करना था, लेकिन बोईगांव हाईस्कूल का हाल इस पहल की जमीनी हकीकत को उजागर करता है।