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कृष्णमय है MP मोहन यादव की कैबिनेट, यकीन नहीं आता, जानें

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भोपाल। MP के नए CM डॉ. मोहन यादव लगातार एक्शन में हैं. उनकी वर्किंग स्टाइल भी चर्चाओं में है. कमाल की बात यह है कि CM मोहन और उनके कई मंत्रियों के साथ एक दिलचस्प संयोग भी जुड़ा हुआ है. वह संयोग है भगवान कृष्ण से उनके जुड़ाव, या किसी न किसी तरह के संबंध का. मोहन कैबिनेट के 13 यानी करीब 42 फीसदी मंत्रियों का वास्ता किसी न किसी तरह श्रीकृष्ण से है. इनमें 9 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री हैं. भगवान कृष्ण के साथ दिलचस्प संयोग में सबसे पहला नाम खुद CM डॉ. मोहन यादव का है.

उनके नाम का अर्थ है भगवान कृष्ण. खास बात यह है कि वे उसी कुल से हैं, जिससे भगवान कृष्ण हैं. इतना ही नहीं, एक और संयोग है कि CM  उसी उज्जैन नगरी से आते हैं, जो भगवान कृष्ण और उनके भाई बलराम की शिक्षा स्थली भी रही है. संयोग की इस कड़ी में दूसरा नाम है डॉ. मोहन यादव की टीम के उपकप्तान यानी डिप्टी CM वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का. आरती ओम जय जगदीश हरे… में जो जगदीश हैं, उसका अर्थ भी भगवान कृष्ण ही हैं. इसका एक और अर्थ है जगत के मालिक. मोहन कैबिनेट में जगदीश देवड़ा को भी प्रदेश के खजाने की जिम्मेदारी दी गई है.

गोविंद सिंह राजपूत, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भी गोविंद

सागर जिले की गोविंद सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा से चुनाव जीते हैं. वे पिछली सरकार में भी राजस्व एवं परिवहन मंत्री थे. भगवान श्रीकृष्ण के गोविंद नाम का जिक्र ब्रह्मपुराण से लेकर महाभारत तक में किया गया है. अर्जुन जहां कृष्ण को माधव कहकर पुकारते थे, वहीं द्रौपदी उन्हें गोविंद कहती थीं. कथा के मुताबिक जब द्रौपदी का चीरहरण होना था, तब उन्होंने गोविंद नाम लेकर ही कृष्ण को पुकारा था. ‘मोहन’ कैबिनेट में ‘गोविंद’ को खाद्य और नागरिक आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई है.

कृष्णा गौर, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण

भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण के नाम पर कृष्णा गौर का नाम है. इसका अर्थ है सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला. कृष्णा गौर पूर्व सीएम बाबूलाल गौर की बहू हैं और भोपाल के गोविंदपुरा क्षेत्र से 1 लाख से ज्यादा वोट से जीतकर सदन पहुंची हैं. युवाओं के बीच कृष्णा भाभी और महिलाओं के बीच कृष्णा दीदी के तौर पर पहचानी जाती हैं. मोहन कैबिनेट में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.

राधा सिंह, राज्य मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास

राधा सिंह के नाम का अर्थ सबको पता है. राधा को भगवान कृष्ण की आंतरिक शक्ति या ऊर्जा माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, वह बृज गोपियों की प्रमुख थीं, जो कृष्ण के प्रति सर्वोच्च भक्ति के लिए जानी जाती हैं. वह कृष्ण के प्रति समर्पण और परम भक्ति का प्रतीक हैं. ‘राधा’ को ‘मोहन’ कैबिनेट में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के तौर पर जगह दी गई है.

नारायण सिंह कुशवाहा, सामाजिक न्याय और उद्यानिक मंत्री

MP नारायण और श्री कृष्ण एक ही हैं. नारायण भगवान विष्णु का पर्यायवाची शब्द हैं. कथाओं में जिक्र है कि भगवान ने धरती पर पाप का नाश करने के लिए कई बार अवतार लिया, जैसे त्रेता युग में भगवान श्री राम के रूप मे और द्वापरयुग श्री कृष्ण के रूप में. दूसरी तरफ जल को नारा भी कहा जाता है. चूंकि जल उनका पहला निवास (अयन) था, इसलिए उनका नाम नारायण रखा गया. इस परिभाषा का उपयोग वैदिकोत्तर साहित्य जैसे महाभारत और विष्णु पुराण में भी किया गया है.

नागर सिंह चौहान, वन एवं पर्यावरण मंत्री

डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट में नागर सिंह चौहान का वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया गया है. नागर अलीराजपुर से विधानसभा चुनाव जीतकर आए हैं. इनका नाम भी कृष्ण से जुड़ा है. मीरा ने अपने पदों में भगवान कृष्ण के लिए नागर शब्द का प्रयोग किया है. इसका अर्थ है नगर या ह्रदय में रहने वाला. संभवतः मीरा ने भगवान कृष्ण के लिए “नागर” शब्द का प्रयोग इसी को ध्यान में रखकर ही किया है कि- “सत की नाँव खेवटिया सतगुरू, भवसागर तर आयो, ‘मीरा’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस पायो.”

प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री

मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का नाम भी कृष्ण से जुड़ा है. कई कथाओं में बताया गया है कि कृष्ण- रुक्मिणी के पुत्र का नाम प्रद्युम्न था और उनका जन्म द्वारका में हुआ था. उस बालक के सौन्दर्य, शील, सद्गुण आदि सभी श्री कृष्ण के ही समान थे. प्रद्युम्न वास्तव में प्रेम के देवता और रति देवी के पति कामदेव के अवतार थे. कहा जाता है कि प्रद्युम्न ने कुरुक्षेत्र सहित कृष्ण की कई लड़ाइयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वे यादव वंश के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे और कृष्ण और उनके परिवार के लिए बहुत गर्व का स्रोत थे.

तुलसी सिलावट, जल संसाधन मंत्री

श्रीकृष्ण की पूजा जैसे तुलसी के बिना अधूरी है, ठीक वैसे ही डॉ मोहन यादव की कैबिनेट तुलसी सिलावट के बिना पूरी नहीं हो सकती. भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी का भोग अनिवार्य है. साल की देवउठनी एकादशी को शालिग्राम और तुलसी का विवाह भगवान विष्णु और महालक्ष्मी के विवाह का प्रतीक स्वरूप विवाह किया जाता है. तुलसी सिलावट 6 बार के विधायक हैं और दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं. मोहन कैबिनेट में उनके पास जल संसाधन विभाग का जिम्मा है.

इंदर सिंह परमार, उच्च शिक्षा मंत्री

MP इंदर या इंद्र का भी कृष्ण से दिलचस्प संबंध है. कृष्ण को गोविंद नाम इंद्र ने ही दिया था, उस दिन गोवर्धन पूजा का दिन आता है. कहते हैं कि बहुत ज्यादा बारिश करवाने की वजह से कृष्ण ने जब नाराज होकर गोवर्धन पर्वत उठा लिया था, तो इंद्र सुरभि गाय (गो) लेकर उन्हें मनाने पहुंचे थे और अपने हाथी ऐरावत के जरिये उनका दूध (विंद) से अभिषेक किया था. इंदर सिंह परमार तीसरी बार विधायक और दूसरी बार मंत्री बने हैं. मोहन कैबिनेट में उच्‍च शिक्षा, आयुष, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. खास बात यह है कि पिछली सरकार में डॉ. मोहन यादव भी उच्च शिक्षा मंत्री थे.

प्रह्लाद सिंह पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री

PM नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे प्रह्लाद पटेल मोहन कैबिनेट में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री हैं. उनका नाम तो नहीं, लेकिन प्रह्लाद से जुड़ी कथा जरूर. उन्हें भगवान विष्णु से जोड़ती है, जिनका अवतार कृष्ण को माना जाता है. हालांकि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार में प्रह्लाद को वरदान दिया था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रह्लाद का जन्म कृष्ण नगरी मथुरा के एक गांव फलेन में हुआ था, जहां भगवान विष्णु और भक्त प्रह्लाद की पूजा की जाती है.

करण सिंह वर्मा, राजस्व मंत्री

MP करन यानी कर्ण, महाभारत के श्रेष्ठ धनुर्धारियों में से एक थे और रिश्ते में भगवान कृष्ण के भाई यानी बुआ के बेटे थे. करण सिंह वर्मा इस वक्त ‘गोपाल’ भार्गव के बाद प्रदेश के सबसे सीनियर विधायक हैं. वे 9 बार चुनाव लड़कर 8 बार विधानसभा पहुंचे हैं. उमा भारती कैबिनेट से लेकर मोहन कैबिनेट में भी मंत्री हैं. चौथी बार मंत्री बने करण सिंह वर्मा राजस्‍व विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. एक और संयोग है कि यह विभाग पहले ‘गोविंद’ के पास था.

गौतम टेटवाल, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), तकनीकी शिक्षा और रोजगार

भगवान विष्णु के अवतारों में गौतम बुद्ध अवतार को 23 वां अवतार बताया जाता है. कृष्ण भी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं. बुद्ध अवतार रूप में इसे विष्णु का अंतिम अवतार मानते हैं. गौतम सारंगपुर विधानसभा सीट जीतकर सदन पहुंचे हैं और मोहन कैबिनेट में तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

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