नई दिल्ली। नेपाल में भड़की हिंसा के बीच जेलों में भारी तोड़फोड़ और आगजनी हुई, जिसके बाद करीब 7,000 कैदी फरार हो गए हैं। इनमें से कई का मूवमेंट भारत-नेपाल सीमा की ओर देखा गया है। चूँकि भारत और नेपाल की सीमा 1751 किलोमीटर लंबी और खुली हुई है, ऐसे में यह घटना भारत के लिए भी गंभीर सुरक्षा चुनौती बन गई है।
नेपाल की जेलों में बवाल और कैदियों की फरारी
सूत्रों के अनुसार, नेपाल के कई जिलों की जेलों से कैदी आगजनी और तोड़फोड़ के बाद बाहर निकल आए। सबसे बड़ी घटनाएं दिल्लीबाजार जेल (1100 कैदी), नक्खू (1200), सुनसरी (1575), कंचनपुर (450), कैलाली (612), जलेश्वर (576), कास्की (773) और गौर (260) समेत कई जेलों में हुईं।
सिंधुलीगढ़ी जिला जेल से 471 कैदी, जिनमें 43 महिलाएं भी शामिल थीं, फरार हो गए।
बांके जिले की नौबस्ता जेल में सुरक्षाकर्मियों और कैदियों की भिड़ंत में पांच किशोर बंदियों की मौत हो गई और चार गंभीर रूप से घायल हुए।
सीमा पार चिंता
नेपाल से फरार कैदियों में कई भारत की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। बॉर्डर पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) को अलर्ट मोड पर रखा गया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सिद्धार्थनगर बॉर्डर की ओर भागे कुछ कैदियों को SSB ने गिरफ्तार भी किया है।
भारत के लिए गंभीर चुनौती
भारत-नेपाल सीमा पर बिना वीज़ा और पासपोर्ट के आवागमन संभव है। ऐसे में हजारों फरार कैदियों का भारत में प्रवेश करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। इन कैदियों में कई गंभीर अपराधी भी शामिल बताए जा रहे हैं। SSB लगातार नेपाल पुलिस और नेपाल आर्म्ड फोर्स से जानकारी साझा कर निगरानी बढ़ा रही है।
👉 नेपाल में जारी अशांति भारत के लिए भी चुनौती बन गई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियाँ मिलकर इस संकट से कैसे निपटती हैं।






