रायपुर: आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा—9 अस्पताल निलंबित, श्री गोविंद हॉस्पिटल एक साल के लिए बाहर

रायपुर: आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा

रायपुर। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सहायता योजना में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची एक महिला को हार्निया पीड़ित बताकर फर्जी इलाज करने वाले श्री गोविंद हॉस्पिटल, बांसटाल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे एक वर्ष के लिए योजना से निलंबित कर दिया गया है।
अस्पताल के खिलाफ फर्जी उपचार और गलत पैकेज क्लेम की लगभग 150 फाइलें भी जांच के दायरे में लाई गई हैं। विभाग ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर उसे बंद कराने की भी सिफारिश की है।


नेशनल फ्रॉड टीम की रिपोर्ट पर कार्रवाई

जानकारी के अनुसार, आयुष्मान योजना की नेशनल फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीम ने श्री गोविंद हॉस्पिटल में संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दी थी।
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में छापामार कार्रवाई की, जिसमें—

  • साधारण मरीज को गंभीर बताकर इलाज

  • गलत पैकेज ब्लॉक कर क्लेम करना

  • हार्निया के फर्जी केस बनाना

  • सोनोग्राफी रिपोर्ट तक नकली होना

जैसे गंभीर मामलों का खुलासा हुआ।


150 क्लेम पर भी जांच

अस्पताल द्वारा जमा किए गए लगभग डेढ़ सौ पैकेज संदेहास्पद पाए गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन जांच टीम को संतोषजनक जवाब देने में नाकाम रहा।


इन 8 अस्पतालों को भी 3–3 माह का निलंबन

नीचे सूचीबद्ध अस्पतालों को भी फर्जी क्लेम और अनियमितताओं के आरोप में 3 महीने के लिए योजना से निलंबित किया गया है:

अस्पतालनिलंबन अवधि
वरदान हॉस्पिटल, शंकर नगर3 माह
जौहरी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, भाठागांव3 माह
न्यू रायपुरा हॉस्पिटल, महादेवघाट रोड3 माह
सौभाग्य हॉस्पिटल, खमतराई3 माह
सिद्धि विनायक हॉस्पिटल, उरकुरा3 माह
शिवम हॉस्पिटल, कुशालपुर3 माह
लक्ष्मी हॉस्पिटल एंड मैटर्निटी होम, आरंग3 माह
श्री गोविंद हॉस्पिटल, बांसटाल1 वर्ष

राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी जारी

शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर निरंतर निगरानी हो रही है।
टीम समय-समय पर अस्पतालों में छापे डालकर अनियमितताओं की जांच कर रही है।
कुछ महीने पहले भी कई बड़े अस्पतालों को योजना से बाहर किया गया था।


“अनियमितताएं गंभीर थीं”—अधिकारियों ने कहा

आयुष्मान योजना एवं नर्सिंग होम एक्ट के जिला नोडल डॉ. अविनाश चतुर्वेदी ने बताया:

“शिकायतों के बाद जांच की गई। अस्पतालों में कई तरह की गंभीर अनियमितताएं मिलीं। वास्तविक मरीजों को लाभ दिलाने के लिए सख्त कार्रवाई आवश्यक है।”

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