Raipur News: रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री आकाश तिवारी के उपवास के बाद राज्य सरकार की ओर से निगम को राहत मिली है। नगर निगम की खराब वित्तीय स्थिति को लेकर 10 दिसंबर को महात्मा गांधी सदन में किए गए उपवास के बाद अधोसंरचना, संधारण और चुंगी कर मद से कुल लगभग 30 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
किन मदों में कितनी राशि जारी
नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा
अधोसंरचना मद में 23 करोड़ रुपये,
संधारण मद में 4 करोड़ रुपये,
चुंगी कर मद में 3 करोड़ 50 लाख रुपये
जारी किए गए हैं। उन्होंने इसे नगर निगम के हित में सकारात्मक कदम बताया, लेकिन इसे अपर्याप्त भी बताया।
निगम की वित्तीय स्थिति बदतर: तिवारी
आकाश तिवारी ने कहा कि रायपुर नगर निगम की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। निगम में कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन देने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन भुगतान तक की स्थिति नहीं बची है। उन्होंने कहा कि ट्रिपल इंजन की सरकार में बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है।
छोटे विकास कार्य भी ठप
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि वार्डों में 50 हजार से 1 लाख रुपये तक के छोटे विकास कार्य भी रुके हुए हैं। पार्षदों को इन छोटे-छोटे कार्यों के लिए जोन अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, जिससे जनता में नाराजगी बढ़ रही है।
अधोसंरचना मद के 75 करोड़ अब भी बाकी
उन्होंने बताया कि अधोसंरचना मद में रायपुर नगर निगम को राज्य सरकार से 100 करोड़ रुपये मिलने थे, जिसमें अब तक केवल 25 करोड़ रुपये ही जारी हुए हैं। शेष 75 करोड़ रुपये अभी भी लंबित हैं।
अन्य राजस्व भी लंबित
नेता प्रतिपक्ष के अनुसार,
रजिस्ट्री शुल्क से नगर निगम को लगभग 80 करोड़ रुपये,
बार लाइसेंस शुल्क की राशि
अब भी मिलना बाकी है। वहीं संधारण मद से केवल 4 करोड़ और चुंगी कर से मात्र 3.50 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं।
प्रति वार्ड 50 लाख की घोषणा अधूरी
आकाश तिवारी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री द्वारा प्रति वार्ड 50-50 लाख रुपये विकास कार्यों के लिए देने की घोषणा अब तक पूरी नहीं हुई है। नगर निगम द्वारा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे जाने के बावजूद तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन राशि जारी नहीं हुई।
बची राशि जल्द जारी करने की मांग
नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार से मांग की है कि बची हुई राशि जल्द से जल्द रायपुर नगर निगम को जारी की जाए, ताकि राजधानी के सभी 70 वार्डों में लंबित विकास कार्य पूरे किए जा सकें। साथ ही कर्मचारियों को समय पर वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन मिल सके।
उन्होंने कहा कि यदि जल्द राशि जारी नहीं हुई तो नगर निगम की कार्यप्रणाली और अधिक प्रभावित होगी और इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।
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