पूर्व सीएम के सुपुत्र चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप, 16.70 करोड़ रुपये रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में लगाने का दावा – हाईकोर्ट में चली बहस, अगली सुनवाई 19 सितम्बर को

पूर्व सीएम के सुपुत्र चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत में एक बार फिर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, लंबी बहस के बाद भी मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।

चैतन्य ने गिरफ्तारी को बताया राजनीति से प्रेरित

चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी को अवैधानिक और राजनीति से प्रेरित बताते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिना किसी ठोस आधार और बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए उन्हें हिरासत में लिया है। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि यह कार्रवाई विपक्ष को दबाने और राजनीतिक बदले की भावना से की गई है।

ईडी का दावा – सबूतों के आधार पर हुई गिरफ्तारी

वहीं, ईडी ने हाईकोर्ट में पेश अपने जवाब में कहा कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ठोस सबूतों के आधार पर की गई है। एजेंसी ने दावा किया कि उनके पास ऐसे दस्तावेज और गवाहों के बयान मौजूद हैं, जो यह साबित करते हैं कि चैतन्य बघेल का सीधा संबंध शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से है।

16.70 करोड़ रुपये रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेश

ईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जांच के दौरान सामने आए बैंक लेन-देन, जब्त की गई फाइलें और गवाहों के बयान यह दर्शाते हैं कि चैतन्य बघेल ने वसूली से हासिल 16 करोड़ 70 लाख रुपये को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में लगाया। एजेंसी का कहना है कि यह रकम कथित रूप से अवैध कमाई से जुड़ी हुई है।

राजनीतिक गलियारों में हलचल

इस मामले के सामने आने के बाद से ही छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष जहां इस मुद्दे को लेकर पूर्व सीएम के परिवार पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बता रही है।

अगली सुनवाई 19 सितम्बर को

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को तय की है। अब देखना होगा कि अदालत ईडी की दलीलों और चैतन्य बघेल के बचाव में दिए गए तर्कों को किस तरह से परखती है।

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