अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ की सियासत में एक बार फिर पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह के बयान ने हलचल मचा दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और रामानुजगंज विधानसभा सीट के पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि — कांग्रेस कभी बीजेपी से नहीं हारती, बल्कि गुटबाजी से हारती है।
उन्होंने कहा कि अगर पार्टी के अंदर “निपटो-निपटाओ” की राजनीति बंद हो जाए, तो कांग्रेस तुरंत सत्ता में वापस लौट सकती है। बृहस्पति सिंह के मुताबिक, “पार्टी के कुछ नेता अपने ही सहयोगियों को निपटाने में लगे रहते हैं। जब तक यह प्रवृत्ति खत्म नहीं होगी, तब तक कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी मुश्किल है।”
टीएस सिंहदेव की मानसिकता सरगुजा तक सीमित – बृहस्पति सिंह
अपने बयान में उन्होंने टीएस सिंहदेव पर भी निशाना साधा। सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने जब पूछा था कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में क्यों नहीं लौट रही, तो मैंने कहा था — “आप यहां के वरिष्ठ नेताओं को ठीक कर दीजिए। निपटो-निपटाओ की राजनीति खत्म कर दीजिए, सरकार अपने आप बन जाएगी।”
उन्होंने कहा कि टीएस सिंहदेव अच्छे नेता हैं, लेकिन उनकी मानसिकता सरगुजा संभाग तक सीमित है।
कांग्रेस में अंदरूनी कलह पर फिर से सुलगी सियासत
बृहस्पति सिंह के इस बयान से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अंदर एक बार फिर हलचल मच गई है। कई नेता इसे पार्टी अनुशासन का उल्लंघन बता रहे हैं, तो कुछ इसे “कटु लेकिन सच्चाई” मान रहे हैं।
कौन हैं बृहस्पति सिंह, जिनके बयानों से बार-बार सुलगती है सियासत
बृहस्पति सिंह कांग्रेस के दिग्गज और विवादित नेताओं में से एक माने जाते हैं। वे रामानुजगंज विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं।
अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे बृहस्पति सिंह का पार्टी नेताओं — खासकर टीएस सिंहदेव से टकराव जगजाहिर है।
साल 2021 में उनके काफिले पर हुए कथित हमले के बाद उन्होंने खुलकर सिंहदेव पर आरोप लगाए थे कि यह हमला उन्हीं के इशारे पर हुआ।
वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भी बृहस्पति सिंह ने कई विवादित बयान दिए, जिसके चलते पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था।
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पुराने विवाद और बयानबाजी
बृहस्पति सिंह ने एक बार कहा था कि “कुमारी शैलजा हीरोइन की तरह फोटो खिंचवाती रहीं और सिंहदेव ड्राइवर बने रहे।”
उन्होंने यह भी कहा था कि “भाजपा को टीएस सिंहदेव को राज्यपाल बना देना चाहिए।”
कांग्रेस प्रत्याशी अजय तिर्की ने भी उन्हें हार की वजह बताते हुए कहा था कि उन्होंने “पार्टी के खिलाफ जाकर बीजेपी प्रत्याशी के लिए प्रचार किया।”







