रायपुर। छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हॉफ योजना का दायरा 400 यूनिट से घटाकर 100 यूनिट करने के बाद प्रदेशभर में उपभोक्ताओं की नाराजगी बढ़ गई है। लगातार मिल रही शिकायतों और बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर हो रहे विरोध के बीच अब प्रदेश सरकार ने योजना की समीक्षा शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दीपावली मिलन समारोह के दौरान संकेत दिए थे कि सरकार इस योजना को लेकर पुनर्विचार कर रही है। इसके बाद ऊर्जा विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी के माध्यम से परीक्षण (एनालिसिस) शुरू कर दिया है। इस जांच में यह आकलन किया जा रहा है कि योजना के दायरे में कटौती से उपभोक्ताओं पर कितना असर पड़ा है, और यदि सीमा फिर से बढ़ाई जाती है तो राज्य सरकार पर कितना आर्थिक भार आएगा।
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सरकार का मानना है कि उपभोक्ताओं की परेशानी दूर करते हुए “पीएम सूर्य घर मुक्त योजना” भी प्रभावित नहीं होनी चाहिए। इसलिए दोनों योजनाओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की जा रही है।
ऊर्जा सचिव डॉ. रोहित यादव ने बताया कि बिजली बिल हॉफ योजना को लेकर परीक्षण जारी है। परीक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद एक नया प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा, जिसके आधार पर संशोधन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई इस योजना के तहत 400 यूनिट तक की खपत पर उपभोक्ताओं को बिजली बिल का केवल आधा भुगतान करना होता था। लेकिन भाजपा सरकार ने अगस्त 2025 में इस योजना का दायरा घटाकर 100 यूनिट कर दिया। इसके बाद से ही प्रदेशभर में बिजली बिल बढ़ने को लेकर उपभोक्ताओं में नाराजगी और विपक्ष द्वारा विरोध तेज़ हो गया है।


















