भार्गवस्त्र। महाभारत के समय अर्जुन और कर्ण के बीच महायुद्ध हुआ था. श्री कृष्ण यह अच्छे से जानते थे कि अर्जुन से ज्यादा ताकतवर कौरव सेना के साथ मौजूद कर्ण हैं. ऐसा इसलिए क्यों कि उनके पास भार्गवस्त्र था. यह शस्त्र भगवान परशुराम और कर्ण के पास ही था. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह हथियार इतना शक्तिशाली था कि इससे पूरी पांडव सेना चिंतित थी. पाशुपतास्त्र रखने वाले अर्जुन ने कहा था कि वह भार्गवस्त्र (bhaargavastr) का मुकाबला नहीं कर सकते. जल्द यह हथियार भारतीय सेना के पास भी आने वाला है. सेना के आला अधिकारियों की मौजूदगी में मंगलवार को स्वदेशी भार्गवस्त्र के पहले चरण का सफल परीक्षण किया गया. एक बार सेना में शामिल होने के बाद यह BSF यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की सबसे बड़ी दिक्कत को दूर कर देगा.
BSF की इस वक्त पाकिस्तान बॉर्डर पर सबसे बड़ी दिक्कत अवैध तरीके से होने वाली ड्रग्स की तस्करी है. आए दिन ड्रोन के जरिए पाकिस्तान में बैठे तस्कर भारत में ड्रोन की मदद से भारत के पंजाब में ड्रग्स सप्लाई करते हैं. नशे का यह कारोबार देश में आतंकवाद को बढ़ाने के लिए फंडिंग में भी होता है. भार्गवस्त्र (bhaargavastr) के एक बार सेना में आने के बाद भारत को इस समस्या से निजात मिल सकती है. स्वदेशी एंट्री ड्रोन माइक्रो मिसाइल सिस्टम ‘भार्गवस्त्र’ के पहले दौर का परीक्षण मंगलवार को सफल रहा. ओडिशा के गोपालपुर शहर में समुद्र के किनारे यह टेस्टिंग हुई. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मशहूर स्वार्म ड्रोन सिस्टम का खात्मा करने में कारगर है. सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ढाई किलोमीटर की दूरी पर दो फायर किए गए, जो सीधे अपने टारगेट पर जाकर लगे.
कम लागत वाला बेजोड़ हथियार
भार्गवस्त्र’ (bhaargavastr) बड़े पैमाने पर हल्के ड्रोन हमलों से निपटने के लिए एक अनूठा कम लागत वाला विकल्प है. बताया जा रहा है कि इस सिस्टम की मदद से सेना 6 किलोमीटर से अधिक दूरी पर आने वाली छोटी-छोटी उड़ने वाली मशीन व ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर सकती है. इसे अभी इतनी जल्दी सेना में शामिल नहीं किया जाएगा. बताया गया कि भार्गवस्त्र’ के सफल परीक्षण के साथ आगे इसके ज्यादा डिटेल में टेस्ट होने बाकी हैं. यह सिस्टम एक साथ 64 से ज्यादा माइक्रो मिसाइलों को फायर कर सकता है.
कहीं भी तैनात हो सकता है ‘भार्गवस्त्र’
सेना के लिए ‘भार्गवस्त्र’ (bhaargavastr) का निर्माण इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड नाम की कंपनी कर रही है. इसे चीन और पाकिस्तान बॉर्डर से जुड़े ऐसे खतरे वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, जहां हमेशा ड्रोन की मदद से निगरानी का खतरा बना रहता है. पंजाब में ड्रोन की मदद से ड्रग्स की सप्लाई की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं. एक बार यह सिस्टम तैयार हो जाए फिर इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगने में मदद मिलेगी. ‘भार्गवस्त्र’ एक पोर्टेबल सिस्टम है, जिसे चाहे पहाड़ी क्षेत्र हों या फिर मैदानी इलाके, कही भी आसानी से तैनात किया जा सकता है. यह भारत का पहला स्वदेशी माइक्रो काउंटर-ड्रोन सिस्टम है. यूं तो भारत के पहले पहले से ही एंट्री ड्रोन सिस्टम उपलब्ध है लेकिन ये सभी सिस्टम बड़े खतरों से निपटने के लिए हैं. छोट्रे ड्रोन से होने वाली निगरानी और अन्य खतरों से निपटने के लिए उस महंगे सिस्टम का प्रयोग नहीं किया जा सकता है.


















