रायपुर। सीजीपीएससी भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक का मामला अब सीबीआई के आरोप पत्र में सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ कि पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने करीबियों के लिए प्रश्न पत्र लीक कराने का सुनियोजित षड्यंत्र किया।
📌 मामले की मुख्य बातें
सीजीपीएससी CGPSC 2020 के लिए तैयार प्रश्न पत्र के एक सेट को पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने पूरे एक साल तक दबाकर रखा।
इसके बाद उसी प्रश्न पत्र का उपयोग 2021 की मुख्य परीक्षा में किया गया।
पेपर लीक होने की जानकारी सोनवानी के रिश्तेदारों को पहले से थी। इसका पर्दाफाश विनीत खेबर और स्वेता की WhatsApp चैटिंग से हुआ।
जीवन किशोर ध्रुव ने अपने बेटे सुमित ध्रुव को पेपर और माडल उत्तर पहले ही उपलब्ध कराए, जिससे वह डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुआ।
🕵️♂️ सीबीआई की कार्रवाई
आरोपितों के घरों से पेपर, उत्तरों की फोटोकॉपी, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव बरामद किए गए।
उनके और स्वजनों के बैंक खातों की जांच की गई।
पांच साल के भीतर हुई कई भर्ती परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक होने का पता चला।
प्रिंटिंग प्रेस एकेडी प्रिंटर्स पर छापा मारा गया और संचालक अरुण कुमार द्विवेदी के बयान दर्ज किए गए।
CGPSC पीएससी अधिकारियों और अभ्यर्थियों के बीच काल डिटेल और लोकेशन रिकॉर्ड खंगाले गए।
👥 संदिग्ध चयनित अभ्यर्थी
टामन और जीवन किशोर ध्रुव के रिश्तेदारों और करीबियों को लाभ पहुंचाया गया।
सोनवानी के बेटे नितेश, बहू निशा कोसले, भतीजे साहिल सोनवानी, भाभी दीपा आदिल, और अन्य को विभिन्न पदों पर चयनित करवाया गया।
🔎 जांच जारी
पूर्व सहायक परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत अन्य अधिकारियों की भी चयनित अभ्यर्थियों से करीबी होने पर जांच जारी है।
फिलहाल सभी आरोपित रायपुर जेल में बंद हैं।
हमसे संपर्क करें
https://www.facebook.com/webmorcha