छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में खाद संकट को लेकर भारी हंगामा, विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव खारिज

मानसून सत्र

रायपुर, 13 जुलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन खाद संकट को लेकर जोरदार सियासी घमासान देखने को मिला। शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यभर में खाद और बीज की भारी किल्लत का मुद्दा उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव लाया, लेकिन इसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह द्वारा खारिज कर दिया गया। इस निर्णय से नाराज कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की, जिससे सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

विपक्ष ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के किसान खाद के लिए भटक रहे हैं। सरकार वितरण में पूरी तरह विफल रही है। किसान मजबूरी में बाजार से दोगुने दामों में खाद खरीदने को मजबूर हैं। वहीं, डॉ. महंत ने भी मांग की कि खाद संकट पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।

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सरकार का पक्ष – वैकल्पिक उर्वरकों पर जोर
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के कारण फास्फेटिक खाद की आपूर्ति प्रभावित हुई है। लेकिन राज्य सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नैनो उर्वरकों का भंडारण किया है और किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया कि एनपीके और पोटाश सहित अन्य उर्वरकों का पर्याप्त भंडारण किया गया है। अब तक 28 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है।

सदन से सड़क तक विरोध
मंत्री के वक्तव्य और स्थगन प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद विपक्षी विधायक गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि राज्य का किसान परेशान है और सरकार ज़मीन की हकीकत से कट चुकी है।


📌 मुख्य बिंदु:

  • विपक्ष ने खाद संकट को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया

  • विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव अस्वीकार किया

  • कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर की नारेबाजी

  • सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित

  • सरकार ने खाद भंडारण और वैकल्पिक उपायों की दी जानकारी

  • विपक्ष ने गांधी प्रतिमा के पास किया धरना

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