जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। हाथी के हमले में एक किसान की मौत के बाद सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजे पर विवाद खड़ा हो गया है। मामला इसलिए अनोखा है क्योंकि मुआवजे की रकम पर दावा करने मृतक की छह पत्नियां सामने आ गई हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के बालाझर चिमटापानी गांव की है। यहां रहने वाले सालिक राम टोप्पो की हाल ही में हाथी के हमले में मौत हो गई। नियम के अनुसार मृतक के परिवार को 6 लाख रुपये का मुआवजा मिलना है। लेकिन प्रक्रिया शुरू होते ही मृतक की छह महिलाएं अपने-अपने बच्चों के साथ सामने आ गईं और सभी ने खुद को उसकी असली पत्नी बताते हुए मुआवजे पर हक जताया।
गांव में चर्चा है कि सालिक ने अलग-अलग समय में छह शादियां की थीं और प्रत्येक पत्नी के साथ कई वर्षों तक वैवाहिक जीवन बिताया था। इसी दौरान बच्चों का जन्म भी हुआ। अपनी अंतिम अवधि में वह एक पत्नी और बेटे भागवत टोप्पो के साथ चिमटापानी में रह रहा था।

प्रशासन के सामने चुनौती
अब सवाल यह है कि असली हकदार कौन है?
वन परिक्षेत्राधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा ने बताया कि मृतक के परिजनों और कथित पत्नियों द्वारा अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। सभी महिलाएं अपने पक्ष में पत्नी होने का प्रमाण पत्र लाने की बात कह रही हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत सरपंच की सहमति और आवश्यक दस्तावेजों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी।
गांव में चर्चा का विषय
यह मामला न सिर्फ गांव बल्कि पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। अलग-अलग पत्नियों के बच्चों ने सरपंच से अपने नाम का पंचनामा बनवाकर मुआवजे पर दावा ठोक दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन किसके पक्ष में अंतिम निर्णय लेता है।







