Cyclone Montha ने मचाई तबाही: आंध्र प्रदेश से लेकर ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार तक असर; अब कमजोर होकर बना Cyclonic Storm

चक्रवाती तूफान “मेंथा” (Montha)

Web Morcha Weather Desk | 29 अक्टूबर 2025, बुधवार : जिसका डर था, आखिर वही हुआ… चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ (Cyclone Montha) ने मंगलवार रात आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में जमकर तबाही मचाई। गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) के रूप में तट से टकराने के बाद यह सिस्टम अब कमजोर होकर Cyclonic Storm में तब्दील हो गया है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, “मोंथा” मंगलवार देर शाम काकीनाडा के पास आंध्र प्रदेश के मछिलीपट्टनम और कालींगपट्टनम के बीच तट से टकराया। उस समय हवा की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा, और झोंकों की गति 110 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई।

तूफान के दौरान समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठीं, सड़कों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए तथा कई तटीय इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई।


⚠️ आंध्र प्रदेश में जन-धन की क्षति

आंध्र प्रदेश के कोनसीमा जिले में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई, जब तेज़ हवाओं से गिरा पेड़ उसके घर पर गिर गया। इसी जिले में नारियल के पेड़ गिरने से एक लड़का और एक ऑटो चालक घायल हो गए।
तूफान का असर केवल आंध्र प्रदेश तक सीमित नहीं रहा — ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक इसका प्रभाव देखा जा रहा है।


🌧️ IMD का नवीनतम अपडेट: Cyclonic Storm के रूप में कमजोर पड़ा ‘मोंथा’

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार सुबह 2:30 बजे जारी बुलेटिन में बताया कि
Severe Cyclonic Storm “Montha” कमजोर होकर Cyclonic Storm में बदल गया है।
यह सिस्टम आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र में 16.5°N अक्षांश और 81.5°E देशांतर पर स्थित था —

  • नारसापुर से लगभग 20 किमी पश्चिम-उत्तरपश्चिम,

  • मछिलीपट्टनम से 50 किमी उत्तर-पूर्व,

  • काकीनाडा से 90 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम,

  • विशाखापट्टनम से 230 किमी दक्षिण-पश्चिम, और

  • गोपालपुर (ओडिशा) से 470 किमी दक्षिण-पश्चिम दूर।

यह प्रणाली अब उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रही है और अगले कुछ घंटों में गहरे दबाव (Deep Depression) में बदलने की संभावना है।
IMD ने बताया कि इसका पिछला हिस्सा (rear sector) अब भूमि क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है।

निगरानी Doppler Weather Radar (DWR) — मछिलीपट्टनम और विशाखापट्टनम रडार से लगातार की जा रही है।


🌊 ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और उत्तर भारत तक असर

ओडिशा के करीब 15 जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई स्थानों पर पेड़ उखड़ने और बिजली बाधित होने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, सौराष्ट्र-कच्छ और विदर्भ में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।

इसके अलावा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी तेज़ हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश का अनुमान जताया गया है।

  • हवाओं की रफ्तार:

    • आंध्र तट पर 65–75 kmph तक

    • छत्तीसगढ़, तेलंगाना, विदर्भ और केरल में 40–60 kmph तक

    • तटीय कर्नाटक, ओडिशा और बंगाल के कुछ हिस्सों में 30–40 kmph


🚫 मछुआरों के लिए अलर्ट

IMD ने सभी तटीय राज्यों — आंध्र, ओडिशा, बंगाल, गोवा, गुजरात और कर्नाटक के मछुआरों को अगले 48 घंटों तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी है।
समुद्र में ऊंची लहरें और उफान की स्थिति बनी रहेगी।
पूर्व-मध्य अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के हिस्सों में 35–65 kmph की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।


🌧️ (B) अरब सागर में भी सक्रिय प्रणाली – Depression over Eastcentral Arabian Sea

IMD ने बताया कि Eastcentral Arabian Sea पर बना एक Depression भी सक्रिय है, जो पिछले छह घंटों में उत्तर-पूर्व दिशा में 8 kmph की गति से बढ़ा है।
यह सिस्टम फिलहाल निम्न स्थानों के पास केंद्रित है:

  • वेरावल (गुजरात) से 440 किमी दक्षिण-पश्चिम,

  • मुंबई (महाराष्ट्र) से 420 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम,

  • पणजी (गोवा) से 570 किमी पश्चिम-उत्तरपश्चिम,

  • और मंगलुरु (कर्नाटक) से 820 किमी उत्तर-पश्चिम।

IMD का अनुमान है कि यह प्रणाली अगले 36 घंटों तक उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ेगी।


🕊️ ‘मोंथा’ नाम की कहानी

“मोंथा” नाम थाई भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है — “खुशबूदार फूल”
लेकिन यह तूफान अपने नाम के विपरीत विनाश की गंध छोड़ गया, जिसने एक बार फिर याद दिलाया कि समुद्री चक्रवातों का प्रभाव तटों से बहुत आगे तक महसूस किया जाता है।


📍 सावधानी और सतर्कता सबसे जरूरी

IMD और NDMA ने सभी प्रभावित राज्यों को अलर्ट पर रहने,
राहत एवं बचाव दलों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
लोगों से अपील है कि अफवाहों से बचें, आधिकारिक मौसम अपडेट पर भरोसा करें और सुरक्षित रहें।


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